भारत के अलग-अलग प्रदेशों में लोगों और उनके समूहों की आस्थाओं और मान्यताओं में विभिन्नता है. अलग-अलग मज़हब, भाषा और बोली के साथ हम साझा तहज़ीबों की बात करते हैं. और एक-दूसरे को सम्मान देते हैं. आपसी प्रेम की यही भावना हमारी राष्ट्रीय एकता की नींव रखती है. लेकिन हाल के दिनों में कुछ ऐसे मुद्दे उठाए गए, जो मज़हबी जुनून से ओतप्रोत हैं. कुछ प्रदेशों में कुछ लोग और नेता सीधे टकराव पर आमादा दिख रहे हैं. राज्य सरकारों और स्थानीय प्रशासन को अल्टीमेटम दिए जा रहे हैं. हम बात मस्जिदों से होने वाली अज़ान की कर रहे हैं, जिसकी मीनारों पर लगे लाउडस्पीकरों से कुछ सियासी नेताओं और संगठनों को एतराज़ है. और एतराज़ भी कुछ ऐसा है कि क़ानून-व्यवस्था को खुलेआम बीच चौराहे चुनौती दी जा रही है.
अगर वाकई कुछ परेशानी है और नियमों का उल्लंघन हो रहा है, तो क़ानून और संविधान के दायरे में आवाज़ उठाना ग़लत नहीं है. लेकिन अफ़सोस कि ऐसा नहीं हो रहा है, विरोध के लिए क़ानून का मखौल उड़ाते हुए सड़क पर जमघट लगाया जा रहा है. महाराष्ट्र के बाद अब उत्तर प्रदेश को लाउडस्पीकर की लड़ाई का अखाड़ा बन चुका है. वाराणसी के बाद अलीगढ़ में अज़ान के वक़्त हनुमान चालीसा पढ़ी गई. इसके लिए बिना इजाज़त चौराहों पर लाउडस्पीकर लगाए जा रहे हैं.
ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं कि इस मुद्दे पर भारत का कानून क्या कहता है...
क्या है ध्वनि प्रदूषण क़ानून-2000?
- सार्वजनिक स्थलों पर लाउडस्पीकर बजाने के लिए लिखित अनुमति ज़रूरी
- रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर बजाने पर रोक
- बंद कमरों, जगहों पर ही रात में लाउडस्पीकर बजाने की इजाज़त
- विशेष परिस्थितियों में राज्य सरकार रात 12:00 बजे तक की इजाज़त दे सकती है
- राज्य सरकार अस्पताल, शैक्षिक, व्यावसायिक संस्थानों के आसपास साइलेंट ज़ोन बना सकती है
- साइलेंट ज़ोन के 100 मीटर के दायरे में लाउडस्पीकर नहीं बज सकते
कहां, कितनी ध्वनि सीमा?
- रिहायशी क्षेत्र: सुबह 6:00 बजे से रात 10:00 बजे तक 55 डेसीबल
- रिहायशी क्षेत्र: रात 10:00 बजे से सुबह 6:00 बजे तक 45 डेसीबल
- व्यावसायिक क्षेत्र: सुबह 6:00 बजे से रात 10:00 बजे तक 65 डेसीबल
- व्यावसायिक क्षेत्र: रात 10:00 बजे से सुबह 6:00 बजे तक 55 डेसीबल
- शांत क्षेत्र: सुबह 6:00 बजे से रात 10:00 बजे तक 50 डेसीबल
- शांत क्षेत्र: रात 10:00 बजे से सुबह 6:00 बजे तक 40 डेसीबल
कहां से हुई लाउडस्पीकर विवाद की शुरुआत
- MNS प्रमुख राज ठाकरे ने गुड़ी पड़वा के मौक़े पर अज़ान का मामला उठाया
- राज ठाकरे ने अज़ान के लिए लाउडस्पीकर का प्रयोग बंद करने की मांग की
- कई जगह MNS नेताओं ने मस्जिदों के बाहर लाउडस्पीकर से भजन गाए
- बीजेपी नेता मोहित कंबोज विवाद में कूदे, मंदिरों में मुफ़्त लाउडस्पीकर की पेशकश
- मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने के लिए राज ठाकरे का उद्धव सरकार को 3 मई तक का अल्टीमेटम
- राज ठाकरे के अल्टीमेटम पर शरद पवार ने कहा कि वो तीन महीने में एक बार जागते हैं
- शिवसेना के संजय राउत ने सवाल उठाया कि बीजेपी शासित किस राज्य में अज़ान बंद हुई
- महाराष्ट्र सपा अध्यक्ष अबु आसिम आज़मी ने हनुमान चालीसा पढ़ने वालों को जूस का ऑफ़र दिया
उत्तर प्रदेश भी बना अखाड़ा
- सबसे पहले वाराणसी में अज़ान के वक़्त लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा पढ़ी गई
- वाराणसी में श्रीकाशी ज्ञानवापी मुक्ति आंदोलन के सदस्यों ने विवाद की शुरुआत की
- हनुमान चालीसा पढ़ने वालों का कहना है कि अज़ान से नींद में खलल पड़ता है
- अलीगढ़ में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े छात्र विवाद को आगे ले गए
- ABVP ने अलीगढ़ के 21 चौराहों पर लाउडस्पीकर लगाने की इजाज़त मांगी, प्रशासन का इनकार
- ज़िला प्रशासन के इनकार के बावजूद कई चौराहों पर लाउडस्पीकर से भजन गाए गए
- ABVP से जुड़े छात्रों का कहना है कि वो चंदा मांगकर लाउडस्पीकर लगाएंगे
- अलीगढ़ में ABVP के प्रदर्शन और जुमे की नमाज़ को देखते हुए सुरक्षा बढ़ानी पड़ी
- इस मामले में अलीगढ़ प्रशासन ने एनडीटीवी से कहा कि वो बातचीत के ज़रिए मसला सुलझाएंगे
- अलीगढ़ के एडीएम-सिटी ने साफ़ शब्दों में ये भी कहा है कि वो नई परंपरा शुरू नहीं होने देंगे