अयोध्या में भव्य राम मंदिर में विराजमान रामलला के लिए आभूषण (Ayodhya Ramlala Jewellery) अध्यात्म रामायण, वाल्मीकि रामायण, रामचरितमानस और अलवंदर स्तोत्रम जैसे ग्रंथों पर लंबी रिसर्च और स्टडी के बाद तैयार किए गए हैं. ये जानकारी मंदिर ट्रस्ट की तरफ से दी गई है. रामलला के आभूषण बदायूं के सर्राफ हरसहायमल श्यामलाल ज्वेलर्स की लखनऊ ब्रांच ने तैयार किए हैं.अयोध्या के कवि यतेंद्र मिश्रा के निर्देश पर रामलला के गहने तैयार किए गए हैं.
भगवान राम के शीष पर मुकुट या किरीट धारण है. कानों में कुंडल, गले में कंठा, ह्रदय पर कौस्तुभमणि, नाभिकमल के ऊपर पदिक, वैजयन्ती या विजयमाल, कमर में कांची या करधनी, भुजबंध या अंगद, कंकण या कंगन, मुद्रिका, पैरों में छड़ा या पैजनिया, हाथों में धनुष, गले में माला,मस्तक पर तिलक, चरणों के नीचे कमल, पांच साल के रामलला के खेलने के लिए चांदी के खिलौने, भगवान के प्रभा मंडल के ऊपर छत्र आदि मौजद हैं.
शीष पर मुकुट, या किरीट
भगवान रामलला ने उत्तर भारतीय परंपरा के मुताबिक सोने से बना मुकुट पहना है, जिस पर माणिक्य, पन्ना, हीरे जड़े हुए हैं. मुकुट के बीच में भगवान सूर्य विराजमान हैं. मुकुट के दायी तरफ मोतियों की लड़ियां लगी हैं.
रामलला के कुंडल
रामलला के कानों में खूबसूरत कुंडल धारण किए हैं. इसमें मोर की आकृतियां बनी हैं. सोने से बने भगवान के कुंडलों में हीरे , माणिक्य और पन्ना जड़े गए हैं.
रामलला का कण्ठा
भगवान रामलला ने गले में रत्नों से जड़ा अर्द्धचंद्राकार कंठा पहना हुआ है. इसें मंगल का विधान रचते फूल अर्पित किए गए हैं. इसके बीच में सूर्य की आकृति बनी है. सोने से बने इस कण्ठे में हीरे, माणिक्य और पन्ना जड़ा गया है. इसके नीचे पन्ने की लड़ियां लगाई गई हैं.
रामलला के ह्रदय पर कौस्तुभमणि
भगवान ने कौस्तुभमणि धारण किया है. इसको बड़े माणिक्य और हीरों से सजाया गया है. शास्त्रों के मुताबिक भगवान विष्णु और उनके अवतार ह्रदय में कौस्तुभमणि धारण करते हैं, इसीलिए रामलला को भी इसे धारण कराया गया है.
रामलला के पदिक
रामलला के गले के नीचे नाभिकमल के ऊपर एक हार धारण कराया गया है. देव अलंकरण में इसका खास महत्व है. पदिक पांच लड़ियों वाला हीरे और पन्ने का ऐसा पंचलड़ा है, जिसके नीचे एक बड़ा सा सुंदर और जड़ाऊ पेंडेंट लगाया गया है.
वैजयंती या विजयमाल
वैजयंती रामलला को पहनाया जाने वाला सोने से बना तीसरा और सबसे लंबा हार है. इसमें जगह-जगह माणिक्य जड़े गए हैं. इसे भगवान को विजय के प्रतीक के रूप में पहनाया जाता है, जिसमें वैष्णव परंपरा के सभी मंगल चिन्ह, सुदर्शन चत्र, पद्यपुष्प, शंख और मंगल कलश बना हुआ है. इसमें पांच तरह के देवों के पसंदीदा फूलों को भी खूबसूरती से सजाया गया है, ये कमल,चंपा,पारिजात,कुंद और तुलसी हैं.
कमर में कांची या करधनी
रामलला को कमर में रत्नों से जड़ी करधनी धारण कराई गई है. सोने से बनी करधनी में हीरे, माणिक्य, मोती, पन्ना जड़े गए हैं. पवित्रता के तौर पर इसमें पांच घंटियां भी लगाई गई हैं. इन घंटियों पर पन्ना, मोती, माणिक्य की लड़ियां लगाई गई हैं.
भुजबंद या अंगद
भगवान रामलला को दोनों भुजाओं में सोने और रत्नों से जड़े भुजबंद पहनाए गए हैं.
कंकण,कंगन
रामलला के दोनों हाथों में हीरे, मोती जैसे रत्नों से जड़े खूबसूरत कंगन पहनाए गए हैं.
रामलला की मुद्रिका
रामलला दाएं और बाएं, दोनों हाथों में मुद्रिकाएं धारण की हुई हैं. इन अंगूठियों में रत्न जड़े हैं और मोती लटक रहे हैं.
पैरों में छड़ा और पैजनियां
रामलला को पैरों में छड़ा और पैजनिया पहनाए गए हैं. भगवान के पैरों की सुंदरता बढ़ा रही पायलें सोने की हैं.
रामलला के बाएं हाथ में धनुष
रामलला के बाएं हाथ में सोने का धनुष पहनाया गया है. इस धनुष को मोती, माणिक्य और पन्ने की लड़ियों से सजाया गया है. वहीं हाहिने हाथ मे सोने का बाण भगवान धारण किए हुए हैं.
रामलला के गले में वनमाला
रामलला के गले में रंग-बिरंगे फूलों की आकृतियों वाली वनमाला पहनाई गई है. इसको हस्तशिल्प के लिए समर्पित शिल्पमंजरी संस्था ने बनाया है.
रामलला के मस्तक पर तिलक
भगवान रामलला के मस्तक पर मंगल तिलक पहनाया गया है. इस तिलक में हीरे और माणिक्य जड़े हुए हैं.
रामलला के चरणों के नीचे कमल
भगवान रामलला के चरणों के नीचे कमल शोभायमान है. इसके नीचे एक सोने की माला सजी हुई है.
रामलला के खिलौने
भव्य राम मंदिर में पांच साल के रामलला विराजे हैं, तो उनके खेलने के लिए चांदी से बने खिलौने रखे गए हैं. खिलौनों में झुनझुना, हाथी, घोड़ा, ऊंट, खिलौनागाड़ी और लट्टू शामिल है.
रामलला के मस्तक के पर छत्र
भगवान रामलला के प्रभा-मंडल के ऊपर सोने का छत्र लगा हुआ है.