अयोध्‍या और मथुरा के पंचायत चुनाव परिणाम BJP के लिए 'खतरे की घंटी'

अयोध्‍या और मथुरा के अलावा सीएम योगी आदित्‍यनाथ के गृहनगर में भी बीजेपी को समाजवादी पार्टी से कड़ा मुकाबला मिला है. प्रयागराज और वाराणसी सहित अन्‍य जिलों के नतीजे अभी घोषित नहीं हुए हैं.  

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लखनऊ:

अयोध्‍या और मथुरा में पंचायत चुनाव में बीजेपी को करारा झटका लगा है. इसे राज्‍य में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव के लिहाज से योगी आदित्‍यनाथ सरकार के लिए चेतावनी माना जा रहा है. इस परिणाम को इस तौर पर देखा जा रहा है कि पार्टी को ग्रासरूट लेवल पर अभी बहुत कुछ करने की जरूरत है. अयोध्‍या और मथुरा के अलावा सीएम योगी आदित्‍यनाथ के गृहनगर में भी बीजेपी को समाजवादी पार्टी से कड़ा मुकाबला मिला है. प्रयागराज और वाराणसी सहित अन्‍य जिलों के नतीजे अभी घोषित नहीं हुए हैं.  

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अयोध्‍या की 40 सीटों में बीजेपी को केवल 6 ही मिली हैं. पूर्व सीएम अखिलेश यादव की अगुवाई वाली समाजवादी पार्टी (एसपी) ने 24 सीटें हासिल की हैं जबकि मायावती की बीएसपी के खाते में 5 सीटें आई हैं. भगवान कृष्‍ण की नगरी मानी जाने वाली मथुरा में भी बीजेपी को अपेक्षित नतीजे नहीं मिले हैं. यहां की 33 सीट में से पार्टी को 8 सीटें मिली हैं. यहां  नंबर एक पार्टी के रूप में बीएसपी रही है जिसे 13 सीट मिली हैं. अजित सिंह के राष्‍ट्रीय लोकदल और समाजवादी पार्टी के खाते में एक-एक सीट आई है. गोरखपुर की 68 सीटों में बीजेपी और समाजवादी पार्टी, दोनों ने 20-20 सीटें हासिल की है. निर्दलीयों ने 23 सीटों पर कब्‍जा किया. आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और निषाद पार्टी को एक-एक और बीपी को दो सीट मिली हैं. तीर्थस्‍थल वाले शहर, अयोध्‍या, मथुरा, प्रयागराज और वाराणसी के पंचायत चुनाव को अगले वर्ष होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव के लिहाज से अहम माना जा रहा है. इन परिणामों ने बीजेपी के लिए निश्चित रूप से कुछ चिंता बढ़ाने का काम किया है. हालांकि पार्टी के स्‍थानीय नेता इसे लेकर बेफिक्र भाव दिखा रहे हैं. चुनाव जीतने वाले निर्दलीयों की ओर से संकेत करते हुए स्‍थानीय पार्टी इकाई के प्रमुख अवधेश पांडे कहते हैं, 'कई निर्दलीय जीते हैं. ये वे लोग हैं जिनके विचार, हमारे साथ मेल खाते हैं और वे हमारे संपर्क में हैं. मैं आपके कह सकता हूं कि जिला पंचायत अध्‍यक्ष हमारी ही पार्टी से होगा.'

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गौरतलब है कि हाल में पांच राज्‍य/यूटी में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी असम में सत्‍ता में वापसी करने में सफल रही. पुदुच्‍चेरी में स्‍थानीय सहयोगी के साथ इसने जीत हासिल की है लेकिन तमिलनाडु में एआईएडीएमके साथ बीजेपी के गठबंधन को हार का सामना करना पड़ा. बंगाल में भी ममता बनर्जी की टीएमसी के हाथों बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा. केरल के विधानसभा चुनाव में तो बीजेपी किसी भी सीट पर जीत हासिल करने में नाकाम रही.  

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