माफिया अतीक अहमद के बेटे असद अहमद और शूटर गुलाम के शव को सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया है. असद का शव प्रयागराज के कसारी-मसारी कब्रिस्तान में सुपुर्द ए खाक किया गया. अतीक के शूटर गुलाम हसन को मेहंदौरी स्थित कब्रिस्तान में दफनाया गया है. पिता अतीक अहमद और मां शाइस्ता परवीन को बेटे को अंतिम बार देखना भी नसीब नहीं हुआ. उत्तर प्रदेश एसटीएफ की टीम ने बीते गुरुवार को झांसी में हुए एनकाउंटर अतीक के बेटे असद और उसके शूटर गुलाम हसन को मार गिराया था.
'अल्लाह की चीज थी, अल्लाह ने ले लिया'
अतीक अहमद के बेटे असद के एनकाउंटर के बाद पर पहली चाचा अशरफ ने मीडिया के सामने मुंह खोला है. अशरफ ने असद के एनकाउंटर के बाबत मीडिया के पूछे गये सवाल के जवाब में कहा कि अल्लाह की चीज थी, अल्लाह ने ले लिया. हालांकि, उसके साथ एक ही हथकड़ी में लाया जा रहा अतीक अहमद कुछ नहीं बोला. बता दें कि अतीक और अशरफ प्रयागराज पुलिस रिमांड पर है. पुलिस उनसे लगातार पूछताछ कर रही है.
भारी सुरक्षा के बीच सुपुर्द-ए-ख़ाक असद
प्रयागराज के एसीपी आकाश कुलहरि ने बताया कि गैंगस्टर अतीक अहमद के बेटे असद के शव को अंतिम संस्कार के लिए प्रयागराज लाए जाने से पहले अतीक अहमद के घर के पास सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई. असद परिवार के 20-25 लोग यहां मौजूद रहे. गुलाम के शव को अंतिम संस्कार के लिए दूसरी जगह ले जाया गया है. जब असद को दफनाने की प्रक्रिया को अंजाम दिया जा रहा था, तब असद के नाना वहां मौजूद रहे. प्रयागराज के एसपी क्राइम सतीश चंद्र ने कहा कि आज असद को दफनाया गया, हमारी टीम उसके घर पर तैनात हैं. मोहल्ले और कब्रिस्तान में भी फोर्स लगाई गई. हमने शांतिपूर्वक सभी विधि को कराया. परिवार के जो भी लोग आए, उन्हें अनुमति दी गई.
झांसी में हुआ था असद का एनकाउंटर
बहुजन समाज पार्टी के विधायक राजू पाल के हत्याकांड मामले के प्रमुख गवाह रहे उमेश पाल और उसके दो सुरक्षाकर्मियों की इसी साल 24 फरवरी को प्रयागराज में एक ताबड़तोड़ गोलियां चला कर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में वांछित अभियुक्त असद अहमद और गुलाम बृहस्पतिवार को झांसी में विशेष कार्य बल के साथ हुई मुठभेड़ में मारे गए थे. यह घटना उस समय हुई थी, जब अतीक और उसके भाई अशरफ अहमद की प्रयागराज की एक अदालत में पेशी हो रही थी.
परिवार का कोई करीबी सदस्य नजर नहीं आया
कब्रिस्तान में अतीक अहमद के रिश्तेदारों और परिचितों को ही दाखिल होने दिया गया और मीडियाकर्मियों को भीतर जाने की अनुमति नहीं दी गई. असद का शव लेकर एंबुलेंस भारी सुरक्षा के बीच सुबह करीब नौ बजे कब्रिस्तान पहुंची. एंबुलेंस में शव के साथ असद का फूफा उस्मान था. कसारी मसारी कब्रिस्तान में शव को दफनाने की प्रक्रिया करीब एक घंटे चली. इस दौरान अतीक अहमद और उसके परिवार का कोई करीबी सदस्य नजर नहीं आया. कब्रिस्तान के चारों तरफ भारी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती की गई थी।
बेटे के जनाजे में शामिल नहीं हो पाए माफिया अतीक अहमद
अतीक अहमद ने अपने बेटे के जनाजे में शामिल होने के लिए शुक्रवार को अपने वकील के माध्यम से मजिस्ट्रेट के पास एक प्रार्थना पत्र दिया था जिस पर शनिवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में निर्णय लिया जाना था, लेकिन अदालती कार्यवाही से पहले ही शव को दफनाने की प्रक्रिया पूरी हो गई. असद, अतीक अहमद के पांच बेटों में तीसरे नंबर का बेटा था और उमेश पाल हत्याकांड के बाद से ही फरार था. अतीक का सबसे बड़ा बेटा उमर लखनऊ जेल में निरुद्ध है, जबकि उसका उमर से छोटा बेटा अली नैनी सेंट्रल जेल में निरुद्ध है. वहीं चौथे नंबर का बेटा अहजम और सबसे छोटा बेटा अबान प्रयागराज के बाल सुधार गृह में हैं.
दादा-दादी की कब्र के करीब दफनाया गया असद
उमेश पाल हत्याकांड में अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन और उसके भाई अशरफ अहमद की पत्नी जैनब भी फरार है. इसलिए असद के अंतिम संस्कार में अतीक के परिवार का कोई सदस्य शामिल नहीं हो पाया. कसारी मसारी कब्रिस्तान में असद की कब्र खोदने वाले जानू खान ने बताया कि अतीक अहमद की मां और उसके पिता की कब्र के पास असद की कब्र खोदी गई है.
शाइस्ता के कब्रिस्तान में सीधे पहुंचने की बातें सामने आ रही थी. कहा जा रहा था कि वह अपने बेटे को अंतिम बार देखने के बाद कब्रिस्तान में ही पुलिस के सामने सरेंडर कर सकती है. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. असद का अंतिम संस्कार शुक्रवार को ही किया जाना था लेकिन झांसी से शव को प्रयागराज लेकर आने में देर शाम हो गयी जिसके चलते शनिवार को तकरीबन दस बजे उसे दफनाया गया. झांसी से असद के शव को लेने के लिए उसके नाना और दूसरे करीबी रिश्तेदार गये थे.
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