संसद की एक समिति की रिपोर्ट के अनुसार केंद्र सरकार ने जल की कमी वाले सात राज्यों में भूजल स्तर के सुधार वाली अटल भूजल योजना का विस्तार पांच और राज्यों तक करने की योजना बनाई है. जल शक्ति मंत्रालय के तहत जल संसाधन, नदी विकास और गंगा पुनरुद्धार विभाग ने जल संसाधन पर स्थायी समिति को सूचित किया है कि उसे अटल भूजल योजना का 8200 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ विस्तार करने के लिए वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग की सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है. समिति की रिपोर्ट सोमवार को संसद में पेश की गई.
इसका विस्तार आंध्र प्रदेश, बिहार, पंजाब, तमिलनाडु और तेलंगाना में इस शर्त के साथ किया जाएगा कि योजना का पुनर्निर्माण केंद्रीय प्रायोजित योजना के रूप में किया जा सकता है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद राजीव प्रताप रूड़ी की अध्यक्षता वाली समिति को विभाग ने सूचित किया है कि इन पांचों राज्यों से पिछले साल अगस्त में अटल भूजल योजना को केंद्रीय योजना में बदलने के लिए स्वीकृति मांगी गई थी.
अटल भूजल योजना अप्रैल 2020 से लागू है. सात राज्यों-हरियाणा, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के 80 जिलों में पानी के संकट से जूझ रहीं 8774 ग्राम पंचायतों में यह जारी है.