हरियाणा और जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव (Jammu Kashmir Assembly Elections) के बाद अब बारी महाराष्ट्र और झारखंड की है. दोनों ही राज्य राजनीतिक तौर पर बेहद महत्वपूर्ण हैं. महाराष्ट्र में एनडीए की सरकार है वहीं झारखंड में इंडिया गठबंधन सत्ता में है. दोनों ही राज्यों में मजबूत लड़ाई की तैयारी गठबंधनों की तरफ से की जा रही है. महाराष्ट्र में बीजेपी जहां शिवसेना और एनसीपी के साथ मिलकर सत्ता में वापसी चाहती है वहीं झारखंड में हेमंत सोरेन की नेतृत्व वाली इंडिया गठबंधन में भाकपा माले की एंट्री के बाद मजबूती आयी है.
महाराष्ट्र में क्या है गठबंधन का गणित?
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में एनडीए में बीजेपी के अलावा एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शामिल है. तीनों ही दलों ने मिलकर लोकसभा का चुनाव लड़ा था. हालांकि उस चुनाव में जैसी उम्मीद थी वैसी सफलता एनडीए को नहीं मिली थी. अजित पवार की पार्टी का प्रदर्शन बेहद खराब रहा था. वहीं बात अगर इंडिया गठबंधन की करें तो कांग्रेस के अलावा उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना यूबीटी, शरद पवार की एनसीपी शामिल है. लोकसभा चुनाव के दौरान गठबंधन ने अच्छा प्रदर्शन किया था. महाराष्ट्र में इंडिया गठबंधन महाराष्ट्र विकास अघाड़ी के तौर पर एक जुट रही है. इसका गठन 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद हुआ था. वहीं एनडीए गठबंधन महायुति के नाम से जाना जाता है.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 में किस दल को मिली थी कितनी सीटें?
राजनीतिक दल | सीटें |
बीजेपी | 105 |
कांग्रेस | 44 |
शिवसेना | 56 |
एनसीपी | 54 |
निर्दलीय | 13 |
अन्य | 1 |
महायुति में सीटों का बंटवारा फाइनल!
महाराष्ट्र में महायुति का सीट बंटवारा अंतिम चरण में है. सूत्रों से जानकारी मिली है कि 90 फीसदी सीटों का बंटवारा तय हो चुका है. 288 सीटों में से बीजेपी 158 पर लड़ेगी. शिवसेना शिंदे गुट को बीजेपी 70 सीटें देने को तैयार है. वहीं एनसीपी अजित पवार गुट को 50 सीटें दी जाएगी.राकांपा नेता प्रफुल्ल पटेल ने भी सोमवार को कहा कि सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के सहयोगियों के बीच महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों में से लगभग 230 सीटों पर आम सहमति बन गई है. बाकी सीटों पर अंतिम फैसला होने के बाद हम मीडिया को अगले दो से चार दिनों में बता देंगे.
महाराष्ट्र विकास अघाड़ी में क्या हो सकता है गणित?
सूत्रों के अनुसार हरियाणा विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस पार्टी महाराष्ट्र और झारखंड को लेकर कोई गलती नहीं करनी चाहती है. जानकारी के अनुसार 288 सदस्यों वाली विधानसभा में कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव) बराबर- बराबर सीटों पर चुनाव लड़ सकती है. जिसका आंकड़ा 100-100 हो सकता है साथ ही एनसीपी को 84 सीटें मिल सकती है. 4 सीटें छोटे दलों के लिए छोड़े जा सकते हैं. कुछ सीटों पर आपसी सहमति से फेरबदल की भी संभावना है. हालांकि संख्या को लेकर लगभग सहमति बन गयी है.
झारखंड में बीजेपी एक्शन मोड में
झारखंड हमेशा से बीजेपी के लिए एक मजबूत राज्य के तौर पर रहा है. लोकसभा चुनाव में भी खराब प्रदर्शन के बाद भी बीजेपी ने 14 में से 9 सीटों पर जीत दर्ज की थी. वहीं निर्माण के बाद से ही बीजेपी राज्य में कई बार सत्ता में आ चुकी है. हालांकि पिछले विधानसभा चुनाव में हार और लोकसभा के प्रदर्शन के बाद बीजेपी ने रणनीति में बदलाव किया है. पहली बार बीजेपी राज्य में कई दलों के साथ मिलकर चुनावी मैदान में उतरने जा रही है. बीजेपी ने जनता दल यूनाइटेड, ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन और लोजपा रामविलास के साथ मिलकर चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी की है.
एनडीए में किस दल के खाते में कितनी सीटें?
झारखंड में पिछले विधानसभा चुनाव की गलतियों से सीखते हुए बीजेपी और आजसू ने गठबंधन को मजबूत करने की पूरी कोशिश की है. हालांकि अभी तक आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है लेकिन चर्चा है कि बीजेपी इस चुनाव में जनता दल यूनाइटेड, ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन (आजसू) और लोजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की तैयारी में है. चर्चा है कि बीजेपी इस चुनाव में कम से कम 67 सीटों पर मैदान में उतरेगी. वहीं आजसू को 9 से 11 सीटें मिल सकती है. जनता दल यूनाइटेड के लिए एनडीए के खाते से 2 सीट और लोजपा रामविलास के लिए एक सीट छोड़े जाने की संभावना है. पिछले चुनाव में आजसू और बीजेपी का गठबंधन टूट गया था.जिसका नुकसान दोनों ही दलों को उठाना पड़ा था.
2019 में किस पार्टी को झारखंड में कितनी सीटें मिली थी?
राजनीतिक दल | सीटें |
जेएमएम | 30 |
बीजेपी | 25 |
कांग्रेस | 16 |
जेवीएम | 3 |
एजेएसयूपी | 2 |
निर्दलीय | 2 |
अन्य | 3 |
इंडिया गठबंधन का झारखंड में क्या है समीकरण?
इंडिया गठबंधन ने पिछले विधानसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन किया था. राजद, कांग्रेस और जेएमएम गठबंधन ने 81 सदस्यों वाले विधानसभा में 47 सीटों पर जीत दर्ज की थी. इस चुनाव में जेएमएम को 30, कांग्रेस को 16 और राजद को एक सीट मिली थी. लोकसभा चुनाव 2024 में इस गठबंधन में भाकपा माले की भी एंट्री हो गयी. लोकसभा की 14 सीटों में से 7,5,1,1 के फर्मूले पर समझौते हुई थी. कांग्रेस 7, जेएमएम 5, राजद 1 और भाकपा माले को एक सीट मिली थी. हालांकि विधानसभा चुनाव में जेएमएम हमेशा से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ती रही है.
भाकपा माले ने बढ़ाया अपना कुनबा, क्या मिलेगी अधिक सीटें?
झारंखंड के पिछले विधानसभा चुनाव में वाम दल इंडिया गठबंधन में शामिल नहीं थे. हालांकि लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन की तरफ से एक सीट भाकपा माले को दी गयी थी. अब विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाकपा माले में दिवंगत मार्क्सवादी नेता ए.के. रॉय की पार्टी मार्क्सवादी समन्वय समिति का विलय हो गया है. जिसके बाद माले ने विधानसभा चुनाव में कम से कम 4-5 सीटों पर दावेदारी की है. ऐसे में इंडिया गठबंधन में भी सीट बंटवारे को लेकर पेंच फंसता हुआ नजर आ रहा है.
महाराष्ट्र और झारखंड में क्या है कॉमन?
महाराष्ट्र और झारखंड दोनों ही ऐसे राज्य हैं जहां बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दल अपने गठबंधन के दलों पर निर्भर हैं. दोनों ही दलों की कोशिश है कि किसी भी तरह से गठबंधन को मजबूत कर सत्ता तक पहुंचा जाए. दोनों ही राज्यों में क्षेत्रीय दलों के नेता मुख्यमंत्री हैं. झारखंड में जहां जेएमएम के नेता हेमंत सोरेन सीएम हैं वहीं महाराष्ट्र में शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री हैं. दोनों ही राज्यों आर्थिक तौर पर बेहद महत्वपूर्ण रहे हैं.
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