गुजरात और पंजाब उपचुनाव में AAP का फिर बजा डंका, जीत के वो 5 कारण जिससे पार्टी का जोश हुआ हाई

आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दोनों ही उपचुनाव में फ्रंट से लीड किया और अपने प्रत्याशियों के पक्ष में ताबड़तोड़ प्रचार किया. केजरीवाल के कई चैलेंज ने लोगों और पार्टी के कार्यकर्ताओं में विश्वास भरा.

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  • आम आदमी पार्टी ने चार राज्यों के उपचुनावों में शानदार प्रदर्शन किया है.
  • गुजरात की विसावदर सीट पर गोपाल इटालिया ने बीजेपी को हराया.
  • पंजाब में लुधियाना पश्चिम सीट पर संजीव अरोड़ा ने कांग्रेस को पराजित किया.
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नई दिल्ली:

चार राज्यों में हुए विधानसभा उपचुनावों में आम आदमी पार्टी (आप) ने शानदार प्रदर्शन किया है. गुजरात की विसावदर सीट पर जहां गोपाल इटालिया ने जीत दर्ज की. वहीं पंजाब में लुधियाना पश्चिम सीट भी 'आप' ने बरकरार रखी, यहां संजीव अरोड़ा ने कांग्रेस उम्मीदवार को हराया. हालांकि दोनों सीट पहले से ही आम आदमी पार्टी के पास थी, लेकिन गुजरात में बीजेपी का दबदबा और पंजाब में सरकार होने के बावजूद दोबारा जीत हासिल करना कोई मामूली बात नहीं है. पार्टी जहां इस जीत से गदगद है, वहीं राजनीति विश्लेषक भी अपने तरीके से फिर से मिली इस जीत के कारण गिना रहे हैं. 

'आप' की जीत के पांच बड़े कारण

1. आप की पहले से मजबूत पैठ

पिछले चुनाव में पंजाब की लुधियाना पश्चिम और गुजरात की विसावदर सीट पर आम आदमी पार्टी ने ही जीत दर्ज की थी, लेकिन उसके बाद भी पार्टी जनता के बीच अपनी पैठ और मजबूत करने में जुटी रही, उनके मुद्दे उठाकर उनका विश्वास जीता और आखिरकार उसका ईनाम मिला.

2. मजबूत प्रत्याशियों का चयन

आम आदमी पार्टी ने दोनों ही सीटों पर अपने मजबूत उम्मीदवार उतारे. साथ ही चुनाव की घोषणा से पहले ही प्रत्याशी का ऐलान भी कर दिया. इससे उन्हें क्षेत्र में प्रचार करने और जनता का विश्वास जीतने का पर्याप्त मौका मिल गया. लुधियाना पश्चिम में जहां पार्टी ने संजीव अरोड़ा को उम्मीदवार बनाया. वहीं विसावदर सीट पर गोपाल इटालिया जैसे मजबूत प्रत्याशी उतारे.

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3. विधायक के बीजेपी में शामिल हो जाने की रणनीति को जनता ने नकारा 

2022 में जीत हासिल करने के बाद 'आप' विधायक भूपेंद्र भयानी के इस्तीफा देने और सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल होने की रणनीति को जनता ने नकार दिया. वहीं अरविंद केजरीवाल ने ऐलान कर कर दिया कि इस बार चुनाव में उतारा गया उम्मीदवार गोपाल इटालिया को अगर बीजेपी खरीद लेगी तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा. इस विश्वास ने जनता में भी भरोसा पैदा किया.

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4. बीजेपी को मुद्दों के आधार पर घेरा

गुजरात में आम आदमी पार्टी और गोपाल इटालिया ने जहां प्रदेश बीजेपी सरकार को मुद्दों के आधार पर घेरा. वहीं पंजाब में आप सरकार ने काम, उम्मीदवार को प्रचार के दौरान गिनाने में मददगार रहे. 

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5. अरविंद केजरीवाल का चेहरा

आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दोनों ही उपचुनाव में फ्रंट से लीड किया और अपने प्रत्याशियों के पक्ष में ताबड़तोड़ प्रचार किया. केजरीवाल के कई चैलेंज ने लोगों और पार्टी के कार्यकर्ताओं में विश्वास भरा. जनता ने उनके वादों पर भरोसा किया और दोनों की सीटों पर आप को जीत मिली.

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'आप' की गुजरात इकाई के पूर्व अध्यक्ष इटालिया ने जूनागढ़ जिले की विसावदर सीट पर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी और भाजपा उम्मीदवार किरीट पटेल को 17,554 मतों के अंतर से हराया. राज्य में अपना लगभग पूर्ण प्रभुत्व रखने के बावजूद, भाजपा 2007 से विसावदर सीट नहीं जीत पाई है. 'आप' के तत्कालीन विधायक भूपेंद्र भयानी के इस्तीफा देने और सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल होने के बाद दिसंबर 2023 में ये सीट खाली हो गई थी.

वहीं पंजाब में भी सत्तारूढ़ 'आप' ने लुधियाना पश्चिम विधानसभा सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा. उसके उम्मीदवार संजीव अरोड़ा ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी और कांग्रेस उम्मीदवार भारत भूषण आशु को 10,637 मतों के अंतर से हराया. अरोड़ा को 35,179 जबकि आशु को 24,542 वोट मिले. जनवरी में 'आप' विधायक गुरप्रीत बस्सी गोगी का निधन हो जाने के कारण इस सीट पर उपचुनाव कराया गया था.

जीत के बाद मतदाताओं को धन्यवाद देते हुए 'आप' के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने उपचुनावों को '2027 का सेमीफाइनल' बताया और कहा कि यह स्पष्ट संकेत है कि मतदाता भाजपा और कांग्रेस दोनों को खारिज कर देंगे. गुजरात और पंजाब में 2027 में विधानसभा चुनाव होंगे.

केजरीवाल ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में दावा किया, "दोनों सीटों पर कांग्रेस और भाजपा, दोनों पार्टियां मिलकर चुनाव लड़ीं. इन दोनों का एक ही मकसद था- आप को हराना. लेकिन लोगों ने दोनों ही जगह इन पार्टियों को नकार दिया."

वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पार्टी की जीत के लिए लोगों को बधाई देते हुए कहा कि भारी बढ़त के साथ यह जीत स्पष्ट संकेत है कि राज्य के लोग सरकार के काम से बेहद खुश हैं. हम पंजाब की प्रगति और समृद्धि के लिए पूरी ईमानदारी और बिना किसी भेदभाव के दिन-रात काम कर रहे हैं.