असम के विश्वनाथ जिले में पिछले सप्ताह अजीबोगरीब घटना सामने आई, जहां एक दुकानदार ने कथित तौर पर लड़की को शर्मिंदा किया और दुकान से बाहर निकाल दिया क्योंकि उसने बुर्का नहीं जींस पहन रखी थी. इस मामले पर अपना विरोध दर्ज करवाने गए लड़की के पिता के साथ मारपीट करने वाले व्यक्ति और दो अन्य लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस सूत्रों के अनुसार, घटना गुवाहाटी से करीब 230 किलोमीटर दूर विश्वनाथ चरियाली में एक मोबाइल फोन एक्सेसरीज स्टोर में हुई, जहां लड़की एक जोड़ी ईयरफोन खरीदने गई थी.
दुकान के मालिक नुरुल अमीन ने लड़की के समान देने से मना कर दिया और साथ ही बुर्का के बजाय जींस पहनने को लेकर लड़की को कथित तौर पर शर्मिंदा किया. पुलिस सूत्रों ने बताया कि इसके बाद उसने उसे दुकान से बाहर धकेल दिया. लड़की के पिता ने कहा कि मेरी बेटी के साथ दुर्व्यवहार किया गया और बुर्का की जगह जींस पहनने पर नुरुल की दुकान से निकाल दिया गया. ये लोग असम में तालिबान व्यवस्था लाने की कोशिश कर रहे हैं और लड़कियों को बुर्का और हिजाब पहनने के लिए मजबूर कर रहे हैं." लड़की के पिता ने आगे कहा कि हम असम में पैदा हुए हैं और असमिया संस्कृति का पालन करते हैं. मेरी बेटी बीसीए (बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन) कर रही है. उसने पढ़ाई एक सरकारी स्कूल से की है, प्राइवेट से नहीं. उसने असमिया संस्कृति में पढ़ाई की, लेकिन अब ये लोग उसे बुर्का और हिजाब पहनाकर तालिबान की शैली में ढालने की कोशिश कर रहे हैं.
पत्रकारों से बातचीत करते हुए लड़की ने कहा कि जब मैं दुकान पर पहुंची तो उसके मालिक जो कि एक बुजुर्ग व्यक्ति थे, उन्होंने मुझसे कहा कि अगर मैं जींस में उसके घर जाती हूं तो उसके परिवार पर असर पड़ेगा क्योंकि उसकी बहू बुर्का या हिजाब पहनती हैं. किशोरी ने घर आकर घटना की शिकायत अपने परिवार से की. विरोध करने के लिए उसके पिता दुकान पर गए तो उन्होंने बताया कि दुकानदार के परिजनों ने उसकी पिटाई कर दी. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी राजेन सिंह ने कहा कि ये घटना 25 अक्टूबर को हुई थी. हमने मुख्य आरोपी नुरुल अमीन, सफीकुल इस्लाम और रफीकुल इस्लाम को गिरफ्तार किया है और उन्हें जेल भेज दिया है. परिवार के सदस्यों ने विश्वनाथ चरियाली पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी (प्रथम सूचना रिपोर्ट) दर्ज की और इसी आधार पर हमने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है.