Assam-Mizoram Border Dispute : असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद को लेकर जारी तनाव के बीच सदभावना और नरमी के संकेत भी मिले हैं. असम ने दोनों राज्यों के बीच सदभावना बढ़ाने और रिश्तों में सामान्यता लाने के लिए पहल करते हुए मिजोरम के सांसद (Mizoram MP K Vanlalvena)के खिलाफ दर्ज केस वापस ले लिया है. असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा (Assam Chief Minister Himanta Biswa Sarma) ने यह भी कहा है कि वो मिजोरम में उनके खिलाफ दर्ज केस का सामना करने को तैयार हैं. अगर मिजोरम से समन मिलता है तो वहां जाएंगे और गिरफ्तारी देने को भी तैयार हैं.
असम-मिजोरम बॉर्डर पर क्यों भड़की हिंसा, 5 प्वाइंटर्स में जानिए क्या है पूरा मामला
सरमा ने असम के पुलिस अधिकारियों को मिजो नेशनल फ्रंट के नेता और राज्यसभा सांसद के वनलालवेना पर एफआईआर वापस लेने का निर्देश दिया है. हालांकि सरमा ने स्पष्ट किया कि असम के 6 पुलिसकर्मियों की मौत के मामले में मिजोरम के पुलिस अधिकारियों पर दर्ज केस वापस नहीं लिया जाएगा.
यह घटनाक्रम मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथंगा के रविवार को दिए गए उस बयान के बाद आय़ा है, जिसमें कहा गया है कि असम के साथ सीमा विवाद को शांतिपूर्ण तरीके से हल किया जाएगा. जोरमथंगा की गृह मंत्री अमित शाह और असम के सीएम सरमा के साथ टेलीफोन पर बातचीत हुई थी. जोरमथंगा ने मिजोरम के लोगों से ऐसा कोई भी कदम न उठाने को कहा गया है, जिससे हालात बिगड़ें.
केंद्र ने दोनों राज्यों को निर्देश दिया कि संघर्षग्रस्त क्षेत्र में जाने के दौरान पुलिस अधिकारी या अन्य सुरक्षाकर्मी हथियार साथ लेकर नहीं जाएंगे. मिजोरम के कोलासिब और असम के कछार जिले के बीच सीमा को लेकर दोनों राज्यों के बीच विवाद है.सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार ने दोनों राज्यों से हालात सामान्य करने की कवायद के तहत आपात और आवश्यक सामान की आवाजाही भी सुनिश्चित करने को कहा है.
दोनों देशों के बीच सीमा पर हालात तनावपूर्ण किंतु नियंत्रण में बने हुए हैं. शांति के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है. गृह मंत्रालय असम-मिजोरम के बीच की गतिविधियों पर पैनी नजर बनाए हुए है.