असम में बाढ़ से तबाही पर लगेगी लगाम, जल्द आ रहा पायलट प्रोजेक्ट, CM ने किया ऐलान

असम में हर साल आने वाली बाढ़ को रोकना इस साल हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रमुख वादों में से एक था. इस चुनाव में भाजपा सत्ता में लौट आई थी.

विज्ञापन
Read Time: 24 mins
धेमाजी असम में सबसे अधिक बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में से एक है.
शिलॉंग:

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार को कहा कि असम में हर साल आने वाली बाढ़ को रोकने की कोशिशों के तहत, मानसून के दौरान ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियों से पानी को मोड़ने के लिए एक पायलट परियोजना जल्द ही शुरू की जाएगी.  बता दें, असम में हर साल आने वाली बाढ़ को रोकना इस साल हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रमुख वादों में से एक था. इस चुनाव में भाजपा सत्ता में लौट आई थी.

शिलांग में मीडिया से बात करते हुए सरमा ने कहा कि यह परियोजना धेमाजी जिले में उत्तर पूर्वी अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (NESAC) द्वारा शुरू की जाएगी और बाढ़ को रोकने के लिए पानी को आर्द्रभूमि की ओर मोड़ दिया जाएगा.

मेघालय स्थित एनईएसएसी अंतरिक्ष विभाग और उत्तर पूर्वी परिषद की एक संयुक्त पहल है और इसे अंतरिक्ष मानचित्रण प्रौद्योगिकी के माध्यम से क्षेत्र में भौगोलिक चुनौतियों का समाधान करने का काम सौंपा गया है. 

Advertisement

असम के 42 बच्चों को सिक्किम में बचाया गया, दो गिरफ्तार

मेघालय के दौरे पर आए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में शनिवार को एनईएसएसी की विशेष बैठक हुई. सीएम सरमा ने कहा कि इस बैठक के दौरान पायलट परियोजना के शुभारंभ के संबंध में फैसला किया गया. 

Advertisement

उन्होंने रविवार को बताया, 'पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर उन्होंने धेमाजी जिले के कुछ क्षेत्रों की पहचान की है, जहां मानसून के दौरान ब्रह्मपुत्र नदी के अतिरिक्त पानी को डायवर्ट किया जा सकता है.'

Advertisement

धेमाजी असम में सबसे अधिक बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में से एक है. पिछले साल जून महीने में जिले में बाढ़ ने 61 गांवों में 15,000 से अधिक लोगों को प्रभावित किया था और 3,474 हेक्टेयर में फैली फसल को नुकसान पहुंचाया था. 

Advertisement

असम : कांग्रेस ने ''अंक के बदले नकदी'' घोटाले में मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप की मांग की

पिछले हफ्ते, सरमा ने कहा था कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और एनईएसएसी के विशेषज्ञों ने 5,000 वर्ग किलोमीटर से अधिक आर्द्रभूमि की पहचान की है, जहां बाढ़ को रोकने के लिए ब्रह्मपुत्र के अतिरिक्त पानी को मानसून के दौरान डायवर्ट किया जा सकता है.

इस साल की शुरुआत में असम में विधानसभा चुनाव से पहले गृह मंत्री शाह ने एक रैली में कहा था कि केंद्र सैटेलाइट मैपिंग के जरिए आर्द्रभूमि और जलाशयों की पहचान करेगा और बाढ़ को रोकने के लिए ब्रह्मपुत्र के पानी को वहां मोड़ देगा.
 

Featured Video Of The Day
Maharashtra Politics में नया मोड़, क्या Sharad Pawar और Ajit Pawar आएंगे फिर साथ? | NCP | Mahayuti
Topics mentioned in this article