असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा की गिरफ्तारी को सही ठहराते हुए कहा कि पुलिस अपने कर्तव्य का पालन कर रही थी. नागालैंड के दीमापुर में चुनाव प्रचार के दौरान सरमा ने एनडीटीवी से कहा, "अगर कानून की संबंधित धाराओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है, तो पुलिस के पास गिरफ्तारी के सभी अधिकार हैं." उन्होंने कहा कि चाहे वो आसमान में हों या धरती पर, पुलिस को गिरफ्तार करने का अधिकार है.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दिए गए बयान को लेकर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को गुरुवार सुबह गिरफ्तार कर लिया गया था. हालांकि आज ही उन्हें अदालत से जमानत मिल गई. पवन खेड़ा ने जमानत पर रिहा होने के बाद सरकार पर जोरदार हमला बोला. उन्होंने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि यह पहली घटना नहीं है जब लोगों की स्वतंत्रता पर हमला किया गया है. उन्होंने कहा कि मुझे एक आतंकी की तरह विमान से उतार दिया गया.
कांग्रेस नेता ने कहा कि बिना किसी नोटिस के मुझे विमान से उतारने के लिए कहा गया जैसे कि मैं एक आतंकवादी हूं. यह लोगों के जीवन और स्वतंत्रता को कम करने का यह पहला उदाहरण नहीं है. यह कल किसी के साथ भी हो सकता है.
गौरतलब है कि पवन खेड़ा के खिलाफ उत्तर प्रदेश में दो और असम में एक एफआईआर दर्ज हुई है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने पवन खेड़ा को अंतरिम राहत देते हुए 28 फरवरी तक गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान किया था. जिसके बाद उनकी रिहाई हुई है. सुप्रीम कोर्ट ने पवन खेड़ा को गिरफ्तारी से संरक्षण और कई प्राथमिकियों को एक साथ जोड़ने के अनुरोध संबंधी याचिका को 27 फरवरी को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है. प्रधानमंत्री के खिलाफ टिप्पणियों को लेकर उनके खिलाफ उत्तर प्रदेश के लखनऊ तथा वाराणसी और असम में कई प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं. अब इन सभी एफआईआर को एक साथ क्लब करके सुनवाई होगी.
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