असम के CM हिमंत बिस्व सरमा बोले- रोजाना 1 लाख लोगों को टीका लगाने की क्षमता लेकिन...

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने बृहस्पतिवार को कहा कि राज्य में टीकों की कमी के कारण प्रतिदिन 50,000 लोगों को ही कोरोनावायरस (Coronavirus Vaccine) रोधी टीका लगाया जा रहा है.

विज्ञापन
Read Time: 19 mins
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा. (फाइल फोटो)
गुवाहाटी:

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने बृहस्पतिवार को कहा कि राज्य में टीकों की कमी के कारण प्रतिदिन 50,000 लोगों को ही कोरोनावायरस (Coronavirus Vaccine) रोधी टीका लगाया जा रहा है, जो इसके टीकाकरण क्षमता का आधा है. सरमा ने कहा कि सरकार उम्मीद कर रही है कि अगले महीने से टीके की उपलब्धता सुधरेगी और जुलाई-अगस्त तक इसका पर्याप्त भंडार होगा. उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘असम में हमने अब तक लगभग 35 लाख लोगों को टीका लगाया है. हमारे पास प्रतिदिन एक लाख लोगों को टीका लगाने की क्षमता है, लेकिन हम केवल टीकों की कमी के कारण प्रतिदिन लगभग 50,000 टीका लगा रहे हैं.''

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले तीन दिनों में राज्य में टीका लेने वालों की संख्या में धीरे-धीरे कमी आ रही है. मंगलवार और सोमवार को क्रमश: 60,772 और 69,071 व्यक्तियों की तुलना में बुधवार को केवल 38,235 लोगों को ही टीका लगाया गया.

असम सरकार का ऐलान, स्कूलों में 14 जून तक रहेगी गर्मियों की छुट्टियां

सरमा ने कहा, ‘‘हालांकि हमें उम्मीद है कि भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के कारण अगले महीने से स्थिति में सुधार होगा. जायडस टीका प्रक्रिया में है और स्पुतनिक पहले ही आ चुका है. इसलिए, मुझे उम्मीद है कि जुलाई-अगस्त तक हमारे पास पर्याप्त टीके होंगे.'' मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरा देश टीके की कमी से जूझ रहा है.

Advertisement

देर रात असम के मुख्यमंत्री अस्पताल का दौरा, दूसरी लहर से निपटने के लिए नई रणनीति

उन्होंने कहा, ‘‘हमें 45 साल और उससे अधिक की श्रेणी के लिए प्रति माह 5-7 लाख टीके मिल रहे हैं. अन्य 5-6 लाख टीके 18-44 साल की श्रेणी के लिए मासिक प्राप्त होते हैं.'' उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह दावा नहीं करूंगा कि स्थिति में बहुत सुधार हुआ है, लेकिन हम पिछले तीन दिनों में आशा की एक किरण देख रहे हैं क्योंकि संक्रमण की दर में गिरावट आयी है और यह करीब छह प्रतिशत पर पहुंच गया है.'' सरमा ने हालांकि कहा कि अब ब्लैक फंगस का मुद्दा उत्पन्न हो गया और सरकार उस मोर्चे पर भी काम कर रही है.

Advertisement

VIDEO: कोविड इलाज से 'प्लाज्मा थेरेपी' हटाने के क्या हैं मायने, क्यों लिया गया फैसला? जानें...

Advertisement
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Varanasi में पत्नी और तीन बच्चों की हत्या के बाद फरार पति का भी मिला शव, हत्या या आत्महत्या?