असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शुक्रवार को कहा कि प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन ‘उल्फा' के वार्ता समर्थक समूह के साथ शांति समझौते को अंतिम रूप दिया जा रहा है और इस महीने या जनवरी में इस पर हस्ताक्षर होने की संभावना है. उन्होंने संगठन के कट्टरपंथी गुट से बातचीत की पेशकश भी की.
खुफिया ब्यूरो (IB) के निदेशक तपन डेका और राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) के निदेशक दिनकर गुप्ता के साथ बातचीत के बाद यहां शर्मा ने पत्रकारों से कहा कि उन्होंने सुरक्षा संबंधी मामलों पर चर्चा की.
एनआईए के निदेशक ने मुख्यमंत्री को रोहिंग्या घुसपैठ मुद्दे के बारे में जानकारी दी, जिसमें असम ने मामला दर्ज किया था और एजेंसी ने पूर्वोत्तर में 44 स्थानों पर छापे मारे थे.
मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार परेश बरुआ के नेतृत्व वाले उल्फा (आई) (कट्टरपंथी गुट) के साथ गंभीरता से बातचीत कर रही है, जबकि अरबिंद राजखोवा के नेतृत्व वाले वार्ता समर्थक उल्फा गुट के साथ शांति समझौते को अंतिम रूप दिया जा रहा है और इस पर इसी महीने या जनवरी में हस्ताक्षर होने की संभावना है.
उन्होंने कहा कि वार्ता समर्थक उल्फा समूह के साथ शांति समझौते में राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक सुरक्षा उपायों के साथ-साथ भूमि अधिकार भी शामिल होंगे.
बरुआ के नेतृत्व वाले गुट के प्रति सद्भावना जताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हिंसा विकास को बाधित करेगी और यह राज्य और उसके लोगों के बड़े हित में है कि उल्फा (आई) हमेशा के लिए सौहार्दपूर्ण समाधान पर आए. उन्होंने कहा, ‘‘हिंसा निरर्थक है और यह विकास की घड़ी को पीछे धकेल देगी. यह ऐसे समय में माहौल को खराब कर देगी, जब असम राज्य में निवेश बढ़ रहा है.''
सरमा और आईबी एवं एनआईए के निदेशकों के बीच यहां असम भवन में बैठक हुई और यह एक घंटे से अधिक समय तक चली. वर्तमान में पूर्वोत्तर मामलों पर सरकार के सलाहकार आईबी के पूर्व विशेष निदेशक एके मिश्रा ने भी मुख्यमंत्री से मुलाकात की.
शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी की अपनी पांच दिवसीय यात्रा के दौरान उन्होंने राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री से दो बार, केंद्रीय वित्त मंत्री, केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री, केंद्रीय कोयला और खान मंत्री और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से मुलाकात की.
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से 50वें कार्बी युवा महोत्सव में शामिल होने का अनुरोध किया है, जो जनवरी में आयोजित किया जाएगा. सरमा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को फरवरी में कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने के लिए आमंत्रित किया गया है.