गर्भवती महिलाओं की बिना डॉक्टरों की मौजूदगी हो रही जांच, पालघर का ये मामला आपको भी हैरान कर देगा

आशा सेविका नीतू गाहला ने कहा, "डॉक्टर नहीं आते, अधिकारी भी नहीं आते. हम अपनी समझ से सब करते हैं और अगर कुछ हो गया तो हम पर ही सारा दोष आता है.

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हर मंगलवार को उपकेंद्रों पर गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष जांच शिविर लगता है.
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  • सरावली उपकेंद्र में गर्भवती महिलाओं की जांच बिना डॉक्टर की मौजूदगी के की जा रही है
  • हाल ही में एक शिविर में 13 हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं की जांच किए बिना केवल टीकाकरण कर उन्हें भेज दिया गया.
  • नियमों के अनुसार हर मंगलवार को गर्भवती महिलाओं के लिए डॉक्टर और स्वास्थ्य अधिकारी की उपस्थिति में विशेष जांच शिविर लगाना अनिवार्य है.
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पालघर:

पालघर जिले के डहाणू स्थित आशागढ़ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत आने वाले सरावली उपकेंद्र में गर्भवती महिलाओं की नियमित स्वास्थ्य जांच को लेकर चौंकाने वाली लापरवाही सामने आई है. उपकेंद्र पर ‘हाई रिस्क' गर्भवती महिलाओं की जांच बिना डॉक्टर की मौजूदगी के की जा रही है. इस बात का खुलासा खुद आशा सेविकाओं ने किया है. बताया गया है कि हाल ही में एक शिविर में 13 ‘हाई रिस्क' गर्भवती महिलाओं की जांच किए बिना सिर्फ टीकाकरण कर उन्हें रवाना कर दिया गया.

नियमों के मुताबिक हर मंगलवार को उपकेंद्रों पर गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष जांच शिविर लगाना अनिवार्य होता है, जिसमें डॉक्टर, सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी और आरोग्य सेविका की उपस्थिति जरूरी होती है. लेकिन सरावली उपकेंद्र पर डॉक्टर और सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी लगातार गैर-हाजिर रहते हैं और शिविर केवल सहायक परिचारिका और आशा सेविकाओं के भरोसे आयोजित किया जाता है. इससे जुड़ा एक और गंभीर आरोप यह भी है कि अगर किसी गर्भवती महिला के साथ कोई अनहोनी हो जाती है, तो पूरी जिम्मेदारी आशा सेविकाओं पर डाल दी जाती है.

आशा सेविका नीतू गाहला ने कहा, "डॉक्टर नहीं आते, अधिकारी भी नहीं आते, हम अपनी समझ से सब करते हैं, और अगर कुछ हो गया तो हम पर ही सारा दोष आता है."

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