सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जस्टिस अरुण कुमार मिश्रा (Justice Arun Mishra) को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. जस्टिस मिश्रा को NHRC का प्रमुख बनाए जाने की अटकलें पिछले कुछ दिनों से मीडिया में थीं और अब उस पर औपचारिक मुहर लग गई है. पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली समिति ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जस्टिस अरुण कुमार मिश्रा के नाम को मंजूरी दी. NHRC के अध्यक्ष का पद पिछले 6 माह से खाली था. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट का जज रहते हुए पीएम मोदी (PM Narendra Modi) की तारीफ करने को लेकर जस्टिस मिश्रा चर्चाओं में आए थे. उन्होंने (जस्टिस मिश्रा ने) मोदी को वर्सेटाइल जीनियस और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त विजनरी बताया था. ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुसिलमीन (AIMIM) के अध्यक्ष और मोदी सरकार के प्रमुख आलोचक असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने जस्टिस मिश्रा को NHRC का प्रमुख बनाए जाने की वाली खबर पोस्ट करते हुए ट्वीट किया है.
ओवैसी ने अपने ट्वीट में तंज के भाव में लिखा है-'पीएम मोदी बहुमुखी प्रतिभा के धनी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसा प्राप्त दूरदर्शी हैं.' ऐसा लगता है कि अपने इस ट्वीट में ओवैसी ने व्यंग्य के भाव में जस्टिस मिश्रा की ओर से पीएम की प्रशंसा में कहे गए शब्दों को दोहराया है. अपने ट्वीट के आखिर में उन्होंने प्रश्नवाचक चिह्न (???) भी लगाया है.
गौरतलब है कि जस्टिस मिश्रा का चयन जिस उच्चस्तरीय समिति ने किया है, उसमें पीए के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राज्य सभा के उपसभापति हरिवंश भी शामिल थे. सूत्र बताते हैं कि खड़गे ने किसी नाम पर आपत्ति नहीं की. हालांकि उन्होंने आयोग में अनुसूचित जाति, जनजाति व अल्पसंख्यक समुदाय से नियुक्ति न होने पर ऐतराज किया था और इस बारे में चयन प्रक्रिया में प्रावधान न होने पर उन्होंने आपत्ति दर्ज कराई. उन्हें बताया गया कि प्रक्रिया में ऐसा प्रावधान नहीं है.जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस महेश कुमार मित्तल और आईबी के पूर्व निदेशक डॉ राजीव जैन को NHRC का सदस्य बनाया गया है.