एआईएमआईएम के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने देश के मुसलमानों से अपील की है कि शुक्रवार को जब वो नमाज पढ़ने मस्जिद में जाएं तो अपनी बांह पर काली पट्टी बांधकर जाएं. उन्होंने इसको लेकर एक वीडियो सोशल मीडिया साइट एक्स पर जारी किया है. इसमें उन्होंने कहा है कि किसी को भी इस्लाम के नाम पर मासूम लोगों की हत्या करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है. इसलिए पहलगाम आतंकी हमले की भरपूर आलोचना की जानी चाहिए.
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा क्या है
ओवैसी ने एक्स पर लिखा है, ''कल जब आप नमाज-ए-जुम्मा पढ़ने जायेंगे तो आपने बांह पर काली पट्टी बांधकर जाएं. इस से हम यह पैगाम भेजेंगे की हम भारतीय विदेशी ताकतों को भारत के अमन और इत्तेहाद को को कमजोर करने नहीं देंगे. इस हमले की वजह से शर-परस्तों को हमारे कश्मीरी भाइयों निशाना बनाने के मौका मिल गया है. तमाम भारतीयों से मैं अपील करता हूं के वो दुश्मन के चाल में ना फंसे.''
इस ट्वीट के साथ ओवैसी ने एक वीडियो पोस्ट किया है. इसमें उन्हें यह कहते हुए सुना जा सकता है,''जैसा कि आप जानते हैं कि पाकिस्तान के लश्कर-ए-तैयबा के दहशतगर्दों ने जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 27 से ज्यादा हमवतनों की जानें ली हैं. कई लोग जख्मी है, वो अपनी जिंदगी बचाने की जंग लड़ रहे हैं. ''
बांह पर काली पट्टी बांधकर जाएं जुमे की नमाज पढ़ने
उन्होंने कहा है कि इस दहशतगर्दाना और बहशियाना जुल्म के खिलाफ आप तमाम लोगों से मेरी गुजारिश है कि कल जब आप अपनी-अपनी मस्जिदों में जुमे की नमाज पढ़ने जाएं तो अपनी बांह पर काली पट्टी बांधकर जाइए. इससे हम और आप मिलकर दहशतगर्दों को एक पैगाम दे सकेंगे कि हम उनकी इस वहशियाना हरकत की मजम्मत करते हैं. हम कभी भी उनके इस्लाम का सहारा लेकर मासूम लोगों का कत्ल करने की इजाजत नहीं दे सकते हैं. हम कभी भी इस बात की इजाजत नहीं दे सकते हैं कि बाहर की ताकतें आकर हमवतनों की जान लें. इसलिए हम इसकी मजम्मत करें और अपनी बांह में काली पट्टी बांधकर मस्जिद में जाएं.
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को आतंकवादियों ने पर्यटकों को निशाना बनाया था. इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी. इस घटना को लेकर देश में इस समय जबरदस्त गुस्से का माहौल है. देशभर में इस हमले के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं. इस हमले के बाद भारत सरकार ने कड़ा कदम उठाते हुए सिंधु जल समझौते को स्थगित कर दिया है. इसके साथ ही उसने पाकिस्तान नागरिकों को जारी वीजा को रद्द कर दिया है और पाकिस्तान को अपने उच्चायोग में अधिकारियों कर्मचारियों की संख्या घटाकर 30 करने को कहा है. इसके अलावा बाघा बार्डर से होने वाली आवाजाही और व्यापार को बंद कर दिया है.
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