केंद्र सरकार ने अफगानिस्तान संकट (Afghanistan Crisis) पर विभिन्न नेताओं को जानकारी देने के लिए एक सर्वदलीय बैठक (All-Party Meeting) आयोजित करने की घोषणा की है. इस पर एआईएमआईएम (AIMIM) के नेता असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने सोशल मीडिया पर स्पष्ट कर दिया कि वे भी इसमें आमंत्रण की उम्मीद कर रहे हैं. सोमवार की सुबह विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विदेश मंत्रालय को राजनीतिक दलों के नेताओं को अफगानिस्तान को लेकर जानकारी देने का निर्देश दिया है.
उस पोस्ट को साझा करते हुए केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने गुरुवार को बैठक का विवरण दिया और एक ट्वीट में कहा कि, "ईमेल के माध्यम से निमंत्रण भेजे जा रहे हैं."
जोशी की पोस्ट के एक घंटे बाद ओवैसी ने जवाब दिया- "सर मुझे उम्मीद है कि एआईएमआईएम को भी आमंत्रित किया जाएगा."
ओवैसी अफगानिस्तान पर सरकार के रुख की आलोचना करते रहे हैं. हैदराबाद के सांसद ओवैसी ने पिछले सप्ताह कहा था, "एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में नौ में से एक महिला की पांच साल की उम्र से पहले मौत हो जाती है. यहां महिलाओं के खिलाफ अत्याचार और अपराध होते हैं, लेकिन, वे (केंद्र) चिंतित है कि अफगानिस्तान में महिलाओं के साथ क्या हो रहा है. क्या यहां नहीं हो रहा है.”
ओवैसी ने कहा था कि "जब मुझसे अफ़गानिस्तान के बारे में पूछा गया तो मैंने कहा काबुल की नहीं कानपुर की बात करो. कानपुर में नौ साल की बच्ची रहम की भीख मांग रही थी जब उसके पिता को पुलिस की मौजूदगी में पीटा जा रहा था. ये तथाकथित मानवाधिकार समर्थक काबुल में लड़कियों के बारे में चिंतित हैं और वहां महिलाओं पर अत्याचार के बारे में बात कर रहे हैं लेकिन किसी को भी कानपुर की लड़की की परवाह नहीं है."
केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने एआईएमआईएम नेता पर पलटवार किया और टिप्पणी की, "ओवैसी को उनकी महिलाओं और उनके समुदाय की सुरक्षा के लिए अफगानिस्तान भेजना बेहतर है."