केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को यूपी में जनविश्वास यात्रा को संबोधित करते हुए 'निज़ाम' के जरिए सपा प्रमुख अखिलेश यादव, बसपा प्रमुख मायावती और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पर निशाना साधा. शाह ने कहा कि, ‘यूपी की जनता को ‘बुआ-बबुआ-बहन' का ''निजाम'' (एनआईजेडएएम) नहीं चाहिए बल्कि उसने श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर बनाने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का शासन वापस लाने का मन बना लिया है.'
साथ ही अमित शाह ने कहा, 'बुआ-बबुआ-बहन की निज़ाम (NIZAM) का मतलब है - ‘एन' से नसीमुद्दीन, ‘आई' से इमरान मसूद, ‘जेडए' से आजम खान और ‘एम' से मुख्तार अंसारी. उनका ‘निजाम' भ्रष्टाचार, अपराध, गुंडागर्दी और अराजकता का प्रतीक है.' शाह का ‘बुआ, बबुआ, बहन' से शाह का परोक्ष तौर पर तात्पर्य मायावती, अखिलेश और प्रियंका गांधी वाद्रा से था, लेकिन उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया.
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गृह मंत्री के इस बयान पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने शायरना अंदाज में निशाना साधा है. ओवैसी ने ट्वीट करते हुए कहा, 'UP के हाकिम-ए-वक्त को बदलना है, मता-ए-अम्न लुटाएंगे हम ज़माने में, निज़ाम-ए-जब्र-ओ-तशद्दुद कुचल के दम लेंगे...'
वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री शाह के भाषण के कुछ देर बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी पलटवार करते हुए ट्वीट किया था. उन्होंने लिखा था, ‘उत्तर प्रदेश और देश भुखमरी, बेरोज़गारी, बेकारी, महंगाई और बदइंतज़ामी के दौर से गुजर रहा है. ऐसे में भाजपा नेता एबीसीडी व अक्षरों को जोड़कर बचकाने व अपरिपक्व शब्द बनाने में लगे हैं. इन बातों से न तो लोगों का पेट भरता है न घर चलता है. बाइस (2022) में जनता इनका ‘क्ष त्र ज्ञ' कर देगी. #भाजपा_ख़त्म'
गौरतलब है कि नसीमुद्दीन सिद्दीकी फिलहाल कांग्रेस में हैं और वह मायावती नीत राज्य की बसपा सरकार में मंत्री रह चुके हैं. इमरान मसूद कांग्रेस नेता हैं. सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान फिलहाल राज्य की रामपुर लोकसभा सीट से सांसद हैं. बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी मऊ विधानसभा सीट से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के विधायक हैं.
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