बॉम्बे हाईकोर्ट ने आज जारी एक आदेश में कहा कि आर्यन खान, अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धमेचा के बीच नशीली दवाओं से संबंधित अपराध करने की साजिश का कोई सबूत नहीं है. कोर्ट ने कहा कि उनके बीच व्हाट्सऐप पर हुई बातचीत में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं पाया गया. आदेश में कहा गया है कि "इस न्यायालय को यह समझाने के लिए रिकॉर्ड पर शायद ही कोई सकारात्मक सबूत है कि सभी आरोपी व्यक्ति सामान्य इरादे से गैरकानूनी कार्य करने के लिए सहमत हुए."
अदालत ने जमानत देने का औचित्य को समझाया. कोर्ट ने कहा कि "सिर्फ इसलिए कि आर्यन खान, अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धमेचा एक ही क्रूज में यात्रा कर रहे थे, यह अपने आप में उन पर साजिश रचने के आरोप का आधार नहीं हो सकता है."
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उच्च न्यायालय के आदेश में यह भी कहा गया है कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB)जांच अधिकारी द्वारा दर्ज किए गए कथित इकबालिया बयानों पर भरोसा नहीं किया जा सकता क्योंकि वे बाध्यकारी नहीं हैं.