समीर वानखेड़े की पत्नी ने उद्धव ठाकरे को लिखा खत- 'अगर आज बाला साहब होते तो...'

समीर वानखेड़े की पत्नी ने कहा था कि वे और उनके पति जन्म से हिन्दू हैं. उनके ससुर दलित हिन्दू हैं और उन्होंने मुस्लिम महिला से शादी की. क्रांति ने ये भी कहा कि उनके पति ईमानदार हैं, झूठे नहीं हैं. उनके काम करने की शैली से कुछ लोगों को समस्या होती है.  उनके पति ने कभी धर्म परिवर्तन नहीं किया.

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समीर वानखेड़े की पत्नी क्रांति ने लिखा उद्धव ठाकरे को खत

मुंबई:

आर्यन खान ड्रग्स केस (Aryan Khan Case) में जांच कर रहे एनसीबी के अधिकारी समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede) पर लेन-देने के आरोपों के साथ फर्जी सर्टिफिकेट के जरिए नौकरी पाने और धर्म परिवर्तन जैसे आरोप लग रहे हैं. इस मामले पर अब समीर वानखेड़े की पत्नी क्रांति रेडकर ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा है कि माननीय उद्धव ठाकरे साहब. मैं बचपन से ही मराठी लोगों के न्याय और हक की लड़ाई लड़ते हुए शिवसेना को देखते हुए बड़ी हुई हूं. मैं एक मराठी लड़की हूं. छत्रपति शिवाजी महाराज और बाला साहब ठाकरे को आदर्श मानते हुए मैं बड़ी हुई हूं. किसी पर अन्याय करो मत और अपने ऊपर हो रहा अन्याय बिल्कुल सहन मत करो यह दोनों ने ही सिखाया है. और आज उसी सिखाए हुए पर चलते हुए मैं अकेले अपने ऊपर हो रहे हमलों के खिलाफ खड़ी हूं, लड़ रही हूं. मैं एक कलाकार हूं,  राजनीति मैं नहीं समझती और मुझे उस में पड़ना भी नहीं है. हमारा कोई संबंध ना होते हुए भी रोज हमारी इज्जत लोगों के बीच में निकाली जा रही है. शिवाजी महाराज के राज्य में एक महिला की गरिमा के साथ खेल किया जा रहा है,उसका मजाक उड़ाया जा रहा है. आज अगर बाला साहब होते तो उन्हें निश्चित रूप से यह पसंद नहीं आया होता. एक महिला पर अत्याचार और उसके परिवार पर हो रहे व्यक्तिगत हमले यह राजनीति का कितना नीच रूप है यह हमेशा उनके विचारों से हम तक पहुंचा है. आज वह नहीं है,  पर आप हैं. उनकी छाया उनकी प्रतिमा हम आपमें देखते हैं, आप हमारा नेतृत्व कर रहे हैं और हमें आप पर विश्वास है. आप कभी मुझ पर और मेरे परिवार पर अन्याय नहीं होने देंगे, इस इस बात का मुझे विश्वास है.  मैं आज एक मराठी होने के नाते आपकी ओर न्याय की उम्मीद से देख रही हूं आप न्याय करेंगे ऐसी आपसे विनती है.

बता दें कि नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े पर आरोप लगाया है कि उन्होंने अनुसूचित जाति के फर्जी सर्टिफिकेट के जरिए नौकरी पाई. उनके पिता दलित थे, जिन्होंने मुस्लिम महिला से शादी की और उसी धर्म को फॉलो किया. नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े की पहली शादी का निकाहनामा भी पेश किया. इस निकाहनामा में समीर वानखेड़े का नाम समीर दाऊद वानखेड़े लिखा हुआ है. इसके साथ ही नवाब मलिक ने कहा कि शादी के बाद उनके पिता ने मुस्लिम धर्म अपनाया. जब कोई मुस्लिम या किसी अन्य धर्म में परिवर्तन करता है तो उसकी पुरानी जाति से कोई लेना देना नहीं रहता. मगर समीर ने आरक्षण का लाभ उठाया और गरीब का हक मारा.

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इन आरोपों पर समीर की पत्नी ने कहा था कि वे और उनके पति जन्म से हिन्दू हैं. उनके ससुर दलित हिन्दू हैं और उन्होंने मुस्लिम महिला से शादी की. क्रांति ने ये भी कहा कि उनके पति ईमानदार हैं, झूठे नहीं हैं. उनके काम करने की शैली से कुछ लोगों को समस्या होती है.  उनके पति ने कभी धर्म परिवर्तन नहीं किया.

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