दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आबकारी नीति मामले में शहर की एक अदालत द्वारा 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बाद यह चर्चा तेज हो गई है कि उनकी जगह कौन लेगा? वहीं, आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं ने दावा किया है कि केजरीवाल सरकार का नेतृत्व करना जारी रखेंगे, चाहे उन्हें कितने भी समय तक जेल में रहना पड़े. सूत्रों ने कहा कि आप के राष्ट्रीय संयोजक की पत्नी सुनीता केजरीवाल द्वारा आने वाले दिनों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की संभावना है. उन्होंने रविवार को यहां रामलीला मैदान में 'लोकतंत्र बचाओ' रैली से अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की.
विशेषज्ञों का कहना है कि केजरीवाल की अनुपस्थिति से हालांकि दिल्ली में शासन पर तुरंत प्रभाव नहीं पड़ेगा, लेकिन लोकसभा चुनाव के बाद आदर्श आचार संहिता हटने पर चुनौतियां सामने आ सकती हैं. दिल्ली के पूर्व मुख्य सचिव पी.के. त्रिपाठी ने कहा कि मुख्यमंत्री नवगठित राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण (एनसीसीएसए) के प्रमुख हैं, जो शहर की सरकार में नौकरशाहों के स्थानांतरण और तैनाती से संबंधित मामले देखते हैं, और वह मंत्रिमंडल की बैठकों की अध्यक्षता भी करते हैं.
पी.के. त्रिपाठी ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘हालांकि कानून में कोई समस्या नहीं है, लेकिन जेल नियमावली समस्याएं पैदा करेगी क्योंकि वह (केजरीवाल) निर्धारित अवधि के भीतर विशिष्ट संख्या में ही लोगों से मिल सकते हैं.'' हालांकि, सूत्रों ने बताया कि चूंकि दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में केजरीवाल के पास कोई विभाग नहीं है, इसलिए अल्पावधि में किसी भी विभाग का नियमित काम प्रभावित होने की संभावना नहीं है.
दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दावा किया कि आदर्श आचार संहिता लागू होने का मतलब यह नहीं है कि शासन का काम रुक जाएगा. एनसीसीएसए के कई महत्वपूर्ण एजेंडे लंबित पड़े हैं, जिनमें सरकारी अस्पतालों के चिकित्सा निदेशकों और अधीक्षकों की नियुक्ति और स्थानांतरण शामिल हैं.
अधिकारी ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री को संविधान द्वारा शासन और नीतियों से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर फैसला लेने का अधिकार है. जेल में रहते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री इनसे कैसे निपटेंगे यह देखने वाली बात होगी. जेल से काम करने जैसा कुछ नहीं है क्योंकि इसमें किसी कैदी से मिलने वाले व्यक्तियों की सीमा और इसके लिए दिए गए समय की सीमा होती है.''
सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में आप नेता जैस्मीन शाह ने कहा कि केजरीवाल मुख्यमंत्री बने रहेंगे, चाहे उन्हें कितने भी समय तक जेल में रखा जाए क्योंकि उन्होंने दिल्ली के लोगों की सेवा करने की संवैधानिक शपथ ली है. उन्होंने कहा, ‘‘अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है, सजा तो दूर की बात है. यह उनका (केजरीवाल का) संवैधानिक अधिकार और कर्तव्य है क्योंकि मुख्यमंत्री ने दिल्ली के लोगों की सेवा करने की संवैधानिक शपथ ली है.''