यमुना के पानी पर सियासत: केजरीवाल पर आज क्या एक्शन ले सकता है चुनाव आयोग

अगर यमुना के पानी के जहरीला होने का दावा सच साबित न हुआ तो चुनाव आयोग, आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल के खिलाफ सख्‍त कदम उठा सकता है.

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यमुना के पानी पर छिड़ा विवाद...
नई दिल्‍ली:

दिल्‍ली में विधानसभा चुनाव के बीच यमुना के पानी पर जमकर सियासत हो रही है. आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल अपने साथ यमुना के पानी की तीन बोटल लेकर चुनाव आयोग के ऑफिस नोटिस का जवाब देने पहुंचे हैं. उनके साथ दिल्‍ली की मुख्‍यमंत्री आतिशी और पंजाब के सीएम भगवंत सिंह मान भी हैं. लेकिन अभी चुनाव आयोग ने तुरंत उन्‍हें मिलने का समय नहीं दिया. इससे पहले अरविंद केजरीवाल ने बताया कि चुनाव आयोग ने उन्‍हें एक नोटिस भेजा था, जिसका उन्‍होंने जवाब दे दिया है.

मामले की जांच करेंगे- चुनाव आयोग 

चुनाव आयोग के सूत्रों ने बताया, 'निर्वाचन आयोग ने आज अरविंद केजरीवाल के साथ बैठक के तरीके को एक विशेष मामले के रूप में स्वीकार किया. दिल्ली में चुनाव प्रचार अभियान की अवधि को देखते हुए और किसी भी हितधारकों के लिए शिकायत की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ने के लिए अपने पहले के कार्यक्रम में बदलाव किया. आयोग ने 'यमुना के जहरीले पानी' और 'सामूहिक नरसंहार' पर अपने बयानों को साबित करने के लिए अरविंद केजरीवाल को धैर्यपूर्वक सुनने का मौका दिया. चुनाव आयोग ने कहा है कि वे मामले की जांच करेंगे और उसके अनुसार कदम उठाएंगे.

इससे पहले अरविंद केजरीवाल ने बताया था कि वह 11 बजे चुनाव आयोग जाएंगे और यमुना में जहरीले पानी के मुद्दे पर खुद जवाब देंगे. दरअसल,  निर्वाचन आयोग (EC) ने अरविंद केजरीवाल से बृहस्पतिवार को कहा था कि वह यमुना में अमोनिया की मात्रा बढ़ने के मुद्दे को नदी को जहरीला बनाने संबंधी अपने आरोप से नहीं जोड़ें. इसके साथ ही आयोग ने केजरीवाल को हरियाणा सरकार के खिलाफ लगाए गए अपने आरोपों पर स्पष्टीकरण देने का एक और अवसर दिया. केजरीवाल के बुधवार के जवाब से असंतुष्ट आयोग ने उनसे यमुना में विषाक्तता के प्रकार, मात्रा, प्रकृति और तरीके के बारे में विशिष्ट और स्पष्ट जवाब देने तथा तथ्यात्मक साक्ष्य उपलब्ध कराने को कहा.

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क्या एक्शन ले सकता है चुनाव आयोग?

यमुना में कथित जहरीला पानी दिल्‍ली में चुनावी मुद्दा बन गया है. ये मामला आरोप-प्रत्‍यारोप से आगे बढ़ गया है और अब चुनाव आयोग इस मामले में एक्‍शन मोड में नजर आ रहा है. सूत्रों की मानें तो अगर यमुना के पानी का जहरीला होने का दावा सच साबित न हुआ तो चुनाव आयोग, आप के केजरीवाल के खिलाफ सख्‍त कदम उठा सकता है. चुनाव आयोग, अरविंद केजरीवाल के खिलाफ आपराधिक एफआई भी दर्ज करा सकता है. ऐसे में चुनाव से पहले आम आदम पार्टी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.

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...तो चुनाव आयोग निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र होगा

केजरीवाल से दिल्ली जल बोर्ड के कर्मचारियों द्वारा जहर का पता लगाए जाने के मामले में इंजीनियर, स्थान और कार्यप्रणाली का विवरण शुक्रवार को पूर्वाह्न 11 बजे तक साझा करने को कहा गया. ऐसा न करने पर आयोग मामले में उचित निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र होगा. केजरीवाल ने निर्वाचन आयोग के नोटिस का बुधवार को जवाब दिया था, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि हरियाणा सरकार यमुना में ‘जहर घोल रही है.' उन्होंने कहा था कि राज्य से प्राप्त पानी मानव स्वास्थ्य के लिहाज से ‘‘अत्यधिक दूषित और अत्यंत जहरीला'' है.

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किसी के सवाल उठाने का कोई कारण नजर नहीं आता

निर्वाचन आयोग को दिए गए 14 पृष्ठों के जवाब में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा था कि यदि लोगों को इस तरह का ‘जहरीला पानी' पीने दिया गया तो इससे स्वास्थ्य संबंधी गंभीर खतरा पैदा होगा और लोगों की मौत होगी. आम आदमी पार्टी के नेता को लिखे अपने हालिया पत्र में निर्वाचन आयोग ने कहा कि पर्याप्त और स्वच्छ जल की उपलब्धता शासन संबंधी मुद्दा है और सभी संबंधित सरकारों को लोगों के लिए इसे हमेशा सुनिश्चित करना चाहिए. आयोग ने कहा कि उसे इस रुख पर किसी के सवाल उठाने का कोई कारण नजर नहीं आता. उसने कहा कि वह इस अहम मुद्दे को सरकारों और एजेंसियों की क्षमता एवं विवेक पर छोड़ेगा तथा लंबे समय से जारी जल-बंटवारे और प्रदूषण के मुद्दों पर संक्षिप्त चुनाव अवधि के दौरान मध्यस्थता से परहेज करेगा.

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