दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार से 12वी की परीक्षा रद्द करने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि पिछले परफॉर्मेंस के आधार पर किसी स्टूडेंट का आंकलन किया जाए. दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने ट्वीट करके कहा "...12वीं की परीक्षा को लेकर बच्चे और पेरेंट्स काफ़ी चिंतित हैं. वे चाहते हैं कि बिना वैक्सीनेशन के 12वी की परीक्षा नहीं होनी चाहिए. मेरी केंद्र सरकार से अपील है कि 12वीं की परीक्षा रद्द की जाए और पिछले performance के आधार पर स्टूडेंट का निर्धारण किया जाए."
एमएल खट्टर vs अरविंद केजरीवाल: वैक्सीन के मुद्दे पर दिल्ली के CM का हरियाणा के CM पर 'पलटवार'
कोरोना की तीसरी लहर की तैयारी में जुटी दिल्ली, गठित हुई 13 अधिकारियों की कमेटी
गौरतलब है कि केजरीवाल से पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' को पत्र लिखकर, कोरोना महामारी के बीच कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा आयोजित नहीं करने का आग्रह कर चुकी हैं. प्रियंका ने पत्र में यह भी कहा कि अगर बच्चों के जीवन को खतरे में डालने वाली परिस्थितियों में धकेल दिया जाता है तो ये उनके साथ अन्याय होगा. शिक्षा मंत्री को लिखे अपने पत्र में प्रियंका गांधी ने कई छात्रों और अभिभावकों से प्राप्त सुझावों को साझा किया है, जिन्होंने पिछले कुछ दिनों में इस मामले पर उनसे बातचीत की थी.
प्रियंका गांधी ने कहा था, "मैं एक बार फिर आपसे सीबीएसई 12वीं की बोर्ड परीक्षा आयोजित करने के फैसले पर पुनर्विचार करने और छात्रों और अभिभावकों द्वारा दिए गए सुझावों पर गंभीरता से विचार करने का आग्रह करती हूं." उन्होंने आगे कहा है कि बच्चों से न केवल बोर्ड परीक्षा में पढ़ने और अच्छा प्रदर्शन करने की अपेक्षा करना क्रूरता है, बल्कि इससे भी बड़ी बात यह है कि भीड़-भाड़ वाले परीक्षा केंद्रों में छात्रों को भेजना, जहां उनके स्वास्थ्य और सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है.