दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा प्रवर्तन निदेशालय (ED) के छठे समन को अवैध बताने का मामला बढ़ता नजर आ रहा है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) के सूत्रों के मुताबिक, केजरीवाल के पहले 3 समन पर पेश न होने के बाद उन पर आईपीसी (IPC) की धारा 174 (किसी आदेश के अनुपालन में गैरहाजिरी) का मामला बनता था. इसे लेकर ही ED ने कोर्ट में शिकायत दर्ज करवाई थी, जिस पर कोर्ट ने संज्ञान लिया था.
केजरीवाल जानबूझकर समन पर नहीं गए...!
मतलब साफ है कि शुरुआती तौर पर कोर्ट को ये लगा कि अरविंद केजरीवाल जानबूझकर समन पर नहीं गए, जिसके बाद अरविंद केजरीवाल पर मुकदमा चलाया जा सकता है. ईडी सूत्रों की मानें तो कोर्ट में मामला ED द्वारा जारी समन की वैधता को लेकर नहीं है, बल्कि 3 समन की जानबूझकर अवेलहना करना है, जोकि एक अपराध है. ईडी के मुताबिक, अरविंद केजरीवाल और आप पार्टी जानबूझकर मामले को उलझा रहे हैं.
ED करे फैसले का इंतजार
दरअसल, आम आदमी पार्टी ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में पूछताछ के लिए सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश नहीं होंगे. पार्टी ने अपने राष्ट्रीय संयोजक को एजेंसी द्वारा जारी छठे समन को ‘अवैध' करार दिया और कहा कि केजरीवाल को बार-बार समन भेजने के बजाय ईडी को अदालत के फैसले का इंतजार करना चाहिए.
16 मार्च को मामले की सुनवाई की अगली तारीख
बता दें कि कई बार समन जारी करने के बाद भी केजरीवाल के पूछताछ में शामिल नहीं होने पर ईडी ने अदालत में शिकायत दर्ज कराई है. अदालत ने केंद्रीय एजेंसी द्वारा दायर शिकायत के संबंध में केजरीवाल को शनिवार को व्यक्तिगत तौर पर पेश होने से राहत दे दी थी. केजरीवाल के अधिवक्ता द्वारा दायर आवेदन में कहा गया कि दिल्ली विधानसभा का बजट सत्र 15 फरवरी से शुरू हो गया है और मार्च के पहले सप्ताह तक चलेगा. इसमें कहा गया है कि वह 16 मार्च को सुनवाई की अगली तारीख पर व्यक्तिगत रूप से अदालत के समक्ष पेश होंगे.
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