सेना ने बर्फीले तूफान और भूस्खलन की वजह से फंसे 80 से अधिक छात्रों और शिक्षकों को बचाया

एक प्रोफेसर ने कहा कि छात्रों और कर्मचारियों की कश्मीर की यात्रा शानदार रही, लेकिन भारी बर्फबारी के कारण जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग बंद होने के से वे तीन दिनों तक काजीगुंड में फंसे रहे.

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नई दिल्ली:

जम्मू में बर्फीले तूफान और भूस्खलन की वजह से जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर फंसे 80 से अधिक छात्रों और शिक्षकों को सेना की टुकड़ी ने बचाया. अधिकारियों ने बताया कि बुधवार को भारी बर्फबारी और भूस्खलन के कारण सड़कें बाधित हो गईं, जिसकी वजह से कई यात्री जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर फंस गए, इनमें एक विधि महाविद्यालय के 74 छात्र और उनके साथ गए सात कर्मी शामिल थे.

उन्होंने बताया कि सेना के जवानों ने तेजी से कार्रवाई की और राजस्थान विधि महाविद्यालय के घबराए हुए कर्मचारियों और छात्रों को अवरुद्ध राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 44 से बचाया.

राजस्थान के उदयपुर स्थित मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर कल्पेश निकवत ने बचाव कार्य के लिए भारतीय सेना की सराहना की. उन्होंने कहा, "मेरे पास सेना को धन्यवाद देने के लिए शब्द नहीं हैं जो ऐसे खराब मौसम में हमारे बचाव के लिए आगे आई और हमें भोजन और आश्रय प्रदान किया... सेना को सलाम."

उन्होंने कहा कि छात्रों और कर्मचारियों की कश्मीर की यात्रा शानदार रही, लेकिन भारी बर्फबारी के कारण जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग बंद होने से वे तीन दिनों तक काजीगुंड में फंसे रहे.

एक छात्र ने बताया, ‘‘बनिहाल से निकलने के बाद हमारे वाहन के ठीक 500 मीटर सामने भूस्खलन हुआ, जिससे हम डर गए.''

सेना की प्रशंसा करते हुए, प्रोफेसर प्रियदर्शी नागदा ने कहा कि सेना ने कुछ घंटों के भीतर मदद के लिए उनकी कॉल का जवाब दिया और छात्रों और कर्मचारियों को कंबल, भोजन और रहने की जगह दी.

बर्फीले तूफान में फंसे एक छात्र आशुतोष शास्त्री, ने कहा कि वो उनके समर्थन के लिए सेना के आभारी हैं. उन्होंने सेना शिविर में अपने प्रवास को घर जैसा बताया.

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