अभियान को अंजाम देते समय सबूत के बारे में नहीं सोचती सेना: लेफ्टिनेंट जनरल कालिता

उन्होंने कहा कि यह एक राजनीतिक सवाल है. इसलिए मैं इस पर टिप्पणी करना पसंद नहीं करता. मुझे लगता है कि देश भारतीय सशस्त्र बलों पर भरोसा करता है.

विज्ञापन
Read Time: 6 mins
नई दिल्ली:

पाकिस्तान में 2016 में किए गए सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत की कुछ विपक्षी नेताओं की मांग के बीच थलसेना की पूर्वी कमान के जीओसी-इन-सी लेफ्टिनेंट जनरल आर पी कालिता ने शुक्रवार को कहा कि किसी भी अभियान को अंजाम देते समय सेना कभी भी कोई सबूत रखने के बारे में नहीं सोचती. सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत की मांग कर रहे कुछ विपक्षी नेताओं की हाल की मांगों पर यहां पत्रकारों के एक राजनीतिक सवाल का जवाब देने से इनकार करते हुए उन्होंने कहा कि देश भारतीय बलों पर भरोसा करता है.

उन्होंने कहा कि यह एक राजनीतिक सवाल है. इसलिए मैं इस पर टिप्पणी करना पसंद नहीं करता. मुझे लगता है कि देश भारतीय सशस्त्र बलों पर भरोसा करता है. यह पूछे जाने पर कि क्या अभियान के दौरान सेना कोई सबूत रखती है, उन्होंने ‘न' में जवाब दिया. जब हम कोई अभियान करने जाते हैं, तो हम उस अभियान का कोई सबूत नहीं रखते. बता दें कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने हाल में जम्मू में राहुल गांधी के नेतृत्व वाली ‘भारत जोड़ो यात्रा' के दौरान सीमा पार सैन्य अभियान पर संदेह व्यक्त किया था.

उन्होंने कहा था कि केंद्र सर्जिकल स्ट्राइक और कई लोगों को मारने की बात करते हैं, लेकिन इसका कोई सबूत नहीं है. वे झूठ का पुलिंदा दिखाकर शासन कर रहे हैं.  हालांकि, कांग्रेस ने इस टिप्पणी से खुद को अलग कर लिया और कहा कि यह उसके रुख को प्रतिबिंबित नहीं करती तथा पार्टी देश के हित में सभी सैन्य कार्रवाइयों का समर्थन करती है.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सिंह की टिप्पणियों को 'हास्यास्पद' करार दिया था और कहा था कि सशस्त्र बल अपना काम 'असाधारण तरीके से' कर रहे हैं और उन्हें कोई सबूत देने की आवश्यकता नहीं है.

Featured Video Of The Day
PM Modi में वैश्विक शांतिदूत बनने के सभी गुण: Former Norwegian minister Erik Solheim
Topics mentioned in this article