जनरल उपेंद्र द्विवेदी देश के नए आर्मी चीफ (Army Chief Upendra Dwivedi) ) बन गए हैं. क्या आप जानते हैं कि नेवी चीफ एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी के साथ उनका एक खास कनेक्शन है, आर्मी चीफ और नेवी चीफ की एक ऐसी कहानी, जिसके बारे में शायद ही किसी को पता हो. देश के इतिहास में पहली बार है, जब आर्मी और नेवी चीफ न सिर्फ एक राज्य, एक शहर, एक स्कूल, बल्कि एक बैच से भी हैं. उससे भी बड़ी बात यह है कि दोनों क्लास में एक ही बेंच पर बैठते थे. जनरल उपेंद्र द्विवेदी और एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी, दोनों ही मध्य प्रदेश के रीवा सैनिक स्कूल से पढ़े हैं. उनकी कहानी दो सगे भाइयों जैसी है. दोनों ही 5वीं क्लास से दोस्त हैं. एनडीए जैसा कठिन एग्जाम भी उन्होंने साथ ही दिया.
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मध्य प्रदेश का रीवा सैनिक स्कूल एक नहीं न जाने कितनी उपलब्धियां जुड़ी हैं. जानकारी के मुताबिक, इस सैनिक स्कूल ने अब तक 700 से ज्यादा सैन्य अधिकारी तैयार किए हैं, जिनमें करीब 25 जनरल रैंक के हैं, जिनमें से दो अब फोर स्टार सर्विसेज के चीफ हैं.
स्कूल में कैसे थे आर्मी और नेवी चीफ?
रीवा सैनिक स्कूल के दोनों ही छात्र देश की सेवा कर रहे हैं, इससे पूरा मध्य प्रदेश गर्वित महसूस कर रहा है. रीवा सैनिक स्कूल के सीनियर टीचर डॉ. आरएस पांडे का कहना है कि भारतीय सशस्त्र बल में दो सेनाओं के प्रमुख क्लासमेट हैं और एक ही स्कूल से हैं, ये स्कूल और राज्य दोनों के लिए ही गर्व की बात है. बता दें कि 30 जून को जब आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कार्यभार संभाल, उस दौरान रीवा सैनिक स्कूल के प्रिंसिपल को भी इस समारोह में शामिल होने का न्योता दिया गया है. आर्मी चीफ के कई क्लासमेट भी इस पल के साक्षी बने
क्लासमेट ही नहीं दोस्त भी हैं उपेंद्र द्विवेदी और दिनेश त्रिपाठी
आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र त्रिपाठी के पद ग्रहण समारोह में पहुंचे उनके क्लासमेट रहे प्रोफेसर अमित तिवारी ने कहा, "हमारा बैच एक घनिष्ठ परिवार जैसा है. हममें से 18 लोग यहां आए हैं, क्योंकि हमारे बैचमेट और दोस्त जनरल उपेन्द्र द्विवेदी देश के आर्मी चीफ के रूप में कार्यभार संभाल रहे हैं. उन्होंने स्कूल के दिनों को याद कर कहा, मेरा रोल नंबर 929, उपेन्द्र का 931 और दिनेश का 938 था. मैं 8 साल तक एडमिरल त्रिपाठी का रूममेट थाऔर तीन साल तक मैं जनरल द्विवेदी के साथ डेस्क पार्टनर था."
आर्मी और नेवी चीफ के दोस्त और क्लासमेट रहे प्रोफेसर अमित कुमार ने बताया कि दोनों ही क्लास में बहुत ही अनुशासित थे और हर विवाद से दूर रहते थे. दोनों ही कभी किसी ग्रुपिज्म का हिस्सा नहीं रहे, क्यों कि ये सब स्कूल में बहुत ही नॉर्मल होता है. आर्मी और नेवी चीफ के बैचमेट बताते हैं कि स्कूल के दिनों में दोनों ही बहुत विनम्र और समय के पाबंद थे. उन्होंने कभी तेज आवाज में बात नहीं की, लेकिन फिर भी अपनी बात दूसरों के सामने आसानी से रखी.
नए आर्मी चीफ बने जनरल उपेंद्र द्विवेदी
जनरल उपेंद्र द्विवेदी के स्कूल रिकॉर्ड से पता चलता है कि वह हमेशा एक एव्रेज स्टूडेंट से ऊपर रहे. वह एक शरारती लड़के और जम्मू-कश्मीर राइफल्स में एक युवा सेना अधिकारी की तरह आक्रामक रहे.उनका सैन्य करियर बहुत ही शानदार रहा. अपने करियर में उन्होंने कई अहम नियुक्तियां कीं. डायरेक्टर- इन्फेंट्री बनाए जाने से पहले उन्होंने ऑपरेशन रक्षक में एक बटालियन और ऑपरेशन राइनो में एक सेक्टर की कमान संभाली.
बता दें कि जनरल द्विवेदी अब नए सेना प्रमुख बन गए हैं. उनका कहना है कि दूसरे स्कूल छात्रों को सिर्फ क्षमतावान बनाते हैं. लेकिन रीवा सैनिक स्कूल एटिट्यूड और एडॉप्टिबिलिटी देता है, जो एक अच्छा और प्रभावी लीडर बनने के लिए बहुत जरूरी है. मई में जब एडमिरल दिनेश त्रिपाठी नेवी चीफ बने थे, तब से रीवा सैनिक स्कूल में जश्न मनाया जा रहा है. अब जनरल उपेंद्र द्विवेदी के सेना प्रमुख बनने से उनकी खुशी दोगुनी हो गई है.
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