देश में विकसित अगली पीढ़ी का बख्तरबंद इंजीनियर टोही वाहन सेना में शामिल, जानिए इसकी खासियत 

सेना अध्यक्ष नरवणे ने कहा कि स्वदेशी उपकरणों और वाहनों से सेना के अभियानों में तेजी आएगी और पश्चिमी मोर्चे पर इससे विशेष मदद भी मिलेगी. इन वाहनों को शामिल करने के साथ ही हमने रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर भारत के संकल्प की ओर एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है.

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रक्षा मंत्रालय ने कहा कि कोविड-19 के कारण प्रतिबंधों के बावजूद इन वाहनों की आपूर्ति समय पर हो रही है.
नई दिल्ली/पुणे:

सेना की इंजीनियर्स कोर में मंगलवार को देश में विकसित अगली पीढ़ी के बख्तरबंद इंजीनियर टोही वाहन (एईआरवी) के पहले सेट को शामिल किया गया गया. रक्षा विज्ञप्ति में दी गई जानकारी के मुताबिक थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने पुणे के पास खड़की में बॉम्बे इंजीनियर ग्रुप (बीईजी) में एक कार्यक्रम में इन वाहनों को शामिल किया और झंडी दिखाकर रवाना किया.

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बता दें कि इस प्रणाली को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा डिजाइन किया गया है और आयुध निर्माणी मेडक तथा भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, पुणे द्वारा निर्मित किया गया है. रक्षा मंत्रालय ने बयान में कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण प्रतिबंधों के बावजूद इन वाहनों की आपूर्ति समय पर हो रही है.

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इस दौरान सेना अध्यक्ष नरवणे ने कहा कि स्वदेशी उपकरणों और वाहनों से सेना के अभियानों में तेजी आएगी और पश्चिमी मोर्चे पर इससे विशेष मदद भी मिलेगी. इन वाहनों को शामिल करने के साथ ही हमने रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर भारत के संकल्प की ओर एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है.

(भाषा के इनपुट के साथ)

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