- मुंबई में 26 नवंबर के बाद प्रदूषण नियंत्रण उपायों से AQI में सुधार हुआ और ग्रैप-4 की पाबंदियां हटा दी गईं
- बीएमसी ने प्रदूषण बढ़ने पर 482 निर्माण स्थलों को नोटिस जारी कर 264 स्थलों पर काम रोक दिया था
- हवा की गति बढ़ने और पानी छिड़काव जैसे उपायों से मुंबई में AQI स्तर 150 से नीचे आने में मदद मिली
मुंबई की हवा अब काफी बेहतर हो गई है. यहां एक्यूआई लेवल 150 से कम है और कई जगह तो यह 100 से भी नीचे है. हालांकि, बीते महीने की अंत में मुंबई का एक्यूआई लेवल खराब स्थिति में पहुंच गया था, जिसके बाद वहां ग्रैप-4 की पाबंदियां लागू की गई थीं. लेकिन कुछ ही दिनों में मुंबई की हवा में सुधार दिखने लगा. ऐसे में बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) ने सोमवार को दावा किया कि मुंबई और उसके उपनगरों में किए गए कई प्रदूषण नियंत्रक उपायों के कारण 26 नवंबर के बाद से क्षेत्र की वायु गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है. इसलिए मुंबई से ग्रैप-4 की पाबंदियों को हटा दिया गया है. हालांकि, दिल्ली में ग्रैप की पाबंदियां लागू होने के बावजूद प्रदूषण का स्तर सुधर नहीं रहा है. बुधवार को भी दिल्ली में कई जगह एक्यूआई लेवल 400 के पार है, जो वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति है.
मुंबई में अब कैसी है हवा?
मुंबई में बुधवार को सुबह 6 बजे औसत एक्यूआई लेवल 132 दर्ज किया गया, जो संतोषजनक है. वहीं, नवी मुंबई में इसी समय औसत एक्यूआई लेवल 144 दर्ज किया गया. इससे पहले 30 नवंबर को एक्यूआई लेवल 114 और 1 दिसंबर को 127 रहा था. कांदीवली वेस्ट में तो एक्यूआई लेवल सिर्फ 102 है. ऐसे में देखा जाए, तो मुंबई पर ग्रैप-4 की पाबंदियों का असर कुछ ही दिनों में दिखने लगा और वहां का एक्यूआई लेवल सुधर गया.
मुंबई कैसे चली 'जादू की छड़ी'
आखिर, मुंबई में कैसे इतनी जल्दी हवा सांस लेने लायक हो गई? बीएमसी ने बताया कि जब मुंबई का एक्यूआई लेवल बढ़ने लगा, तो वे तुरंत एक्शन मोड में आ गए. प्रदूषण मानदंडों का उल्लंघन करने पर 482 निर्माण स्थलों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए. 482 निर्माण परियोजनाओं में से 264 को ‘काम रोकने' का नोटिस दिया गया. इसका असर देखने को मिला. हालांकि, बीएमसी ने स्पष्ट किया कि वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से कड़े प्रतिबंधों वाली ग्रैप का चौथा चरण अभी मुंबई में लागू नहीं है, लेकिन निगरानी के निर्देश दिए गए हैं.
ग्रैप-4 हटा, लेकिन निगरानी अब भी जारी
नगर आयुक्त और बीएमसी प्रशासक भूषण गगरानी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे उन निजी निर्माण स्थलों के साथ-साथ सरकारी व गैर-सरकारी परियोजनाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रखें, जो महानगर पालिका के 28-सूत्रीय दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते हैं. बीएमसी ने कहा कि हवा की गति में सुधार के साथ-साथ अनियमित निर्माण परियोजनाओं को नोटिस, पानी का छिड़काव, सड़क की धुलाई, जागरूकता अभियान और बेकरी व श्मशान घाटों द्वारा स्वच्छ ईंधन अपनाने जैसे उपायों ने पिछले 48 घंटे में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में सुधार लाने में योगदान दिया है.
मौसम ने भी दिया मुंबई का साथ
बीएमसी के मुताबिक, 28 नवंबर से पहले उच्च आर्द्रता के साथ हवा की गति तीन से चार किलोमीटर (किमी) प्रति घंटा थी, जो अब बढ़कर 10 से 18 किमी प्रति घंटा हो गई है, जिससे मुंबई में प्रदूषण कम करने में मदद मिली है. बीएमसी ने प्रदूषण कम करने से जुड़े उपायों के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए 94 वार्ड-स्तरीय उड़न दस्ते बनाए हैं. ये दस्ते निजी स्थलों के साथ-साथ सड़क व मेट्रो परियोजना के खंडों का निरीक्षण कर रहे हैं और जहां भी उल्लंघन पाया जाता है, वहां काम रोकने के नोटिस जारी कर रहे हैं.
दिल्ली की हवा में अब भी घुट रहा दम
दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर अब भी चिंताजनक स्थिति में है. बुधवार सुबह 6 बजे दिल्ली का औसत एक्यूआई लेवल 377 दर्ज किया गया. ऐसे में लोगों को सांस लेने में दिक्कत और आंखों में जलन की समस्या देखने को मिल रही है. आनंद विहार, बवाना, चांदनी चौक जहांगीर पुरी, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम और नेहरू नगर में एक्यूआई लेवल 400 के पार है.
दिल्ली की हवा में घुला जहर कम कब होगा. इस सवाल का जवाब इस समय शायद किसी के पास नहीं है. शायद इसीलिए डॉक्टरों ने साफ कह दिया है कि बच्चों की सेहत ठीक रखना चाहते हैं, तो कुछ दिनों के लिए दिल्ली छोड़ दीजिए.













