150 एकड़ जमीन, 721 फुट ऊंचाई और 600 करोड़ लागत : ऑस्ट्रेलिया में बनेगा दुनिया का सबसे ऊंचा राम मंदिर

ऑस्ट्रेलिया के पर्थ शहर में राम मंदिर का निर्माण श्रीराम वैदिक व सांस्कृतिक ट्रस्ट की तरफ से किया जाएगा. श्री सीताराम ट्रस्ट के डिप्टी-हेड डॉ. हरेंद्र राणा ने बताया कि पर्थ शहर में 150 एकड़ जमीन में 600 करोड़ रुपये की लागत से श्रीराम मंदिर का निर्माण होगा.

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अयोध्या में इस मॉडल की तर्ज पर राम मंदिर का निर्माण हुआ है. (प्रतीकात्मक)
पर्थ:

अयोध्या के राम मंदिर में इन दिनों दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है. 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के बाद श्रीरामलला अपने मंदिर में विराजमान होने जा रहे हैं. इस बीच ऑस्ट्रेलिया के पर्थ शहर में भी राम मंदिर का निर्माण होने जा रहा है. करीब 721 फुट ऊंचाई वाला ये मंदिर विश्व का यह सबसे ऊंचा मंदिर होगा.

ऑस्ट्रेलिया के पर्थ शहर में राम मंदिर का निर्माण श्रीराम वैदिक व सांस्कृतिक ट्रस्ट की तरफ से किया जाएगा. श्री सीताराम ट्रस्ट के डिप्टी-हेड डॉ. हरेंद्र राणा ने बताया कि पर्थ शहर में 150 एकड़ जमीन में 600 करोड़ रुपये की लागत से श्रीराम मंदिर का निर्माण होगा. इस ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ. दिलावर सिंह हैं, जो पिछले 35 वर्षों से ऑस्ट्रेलिया में रहते हैं.

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डॉ. हरेंद्र राणा ने बताया कि यह प्रोजेक्ट मंदिर की पारंपरिक अवधारणा से परे है. मंदिर को सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और सामुदायिक गतिविधियों को शामिल करने वाले एक बहुआयामी केंद्र के रूप में बनाया जाएगा.

ऑस्ट्रेलिया के राम मंदिर में क्या होगा खास?
-मंदिर परिसर में हनुमान वाटिका, सीता वाटिका, जटायु बाग, शबरी वन, जामवंत सदन, नल नील तकनीकी और गुरु वशिष्ठ ज्ञान केंद्र होगा.

-मंदिर परिसर में एक कैंडल पोर्च, चित्रकूट वाटिका, पंचवटी वाटिका उद्यान और एक प्रस्तावित राम निवास होटल भी बनाया जाएगा.

-मंदिर में सीता रसोई रेस्तरां, रामायण सदन लाइब्रेरी और तुलसीदास हॉल जैसे सांस्कृतिक स्थान भी बनाए जाएंगे.

-मंदिर परिसर के 55 एकड़ भू-भाग पर सनातन वैदिक विश्वविद्यालय का निर्माण किया जाएगा. 

-इसके साथ ही हनुमान वाटिका में हनुमान की 108 फुट उंची मूर्ति की स्थापना की जाएगी. 

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-मंदिर में शिव सप्त सागर नाम का कुंड बनाया जाएगा, जिसमें भगवान शिव की 51 फुट प्रतिमा होगी.

-मंदिर में एक योग कोर्ट, एक मेडिटेशन कोर्ट, एक वेद लर्निंग सेंटर, एक रिसर्च सेंटर और एक म्यूजियम समेत आध्यात्मिक स्थान होंगे. मंदिर में टेक्नोलॉजी गार्डन जैसे क्षेत्रों के साथ कुछ तकनीकी पहलुओं को भी शामिल किया जाएगा.

-ट्रस्ट ने कहा कि मंदिर के निर्माण में "जीरो कार्बन फुटप्रिंट" का खास ख्याल रखा जाएगा. बायो-सीवेज ट्रिटमेंट प्लांट और एक सोलर एनर्जी प्लांट को भी प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है.

-वैदिक किताबों की स्टडी और प्रचार-प्रसार के लिए वाल्मीकि केंद्र भी बनाया जाएगा. 

श्रीराम वैदिक व सांस्कृति ट्रस्ट के पदाधिकारी और उनके परिजनों का एक प्रतिनिधि मंडल अयोध्या में श्रीराम मंदिर के दर्शन करने के लिए आएगा. प्रतिनिधि मंडल की यह यात्रा 27 फरवरी को पर्थ से शुरू होगी. इस यात्रा का दिल्ली पहुंचने पर स्वागत किया जाएगा.

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