भारतीय नौसेना और अंडमान निकोबार कमान ने ‘सुपरसोनिक क्रूज' मिसाइल ब्रह्मोस (BrahMos supersonic cruise missile) के पोत-रोधी संस्करण का संयुक्त रूप से सफलतापूर्वक परीक्षण किया. अंडमान निकोबार कमान की ओर से किए गए ट्वीट में ये जानकारी दी गई. ये परीक्षण बुधवार को किया गया है. ट्वीट में बताया गया है कि भारतीय वायु सेना ने ब्रह्मोस मिसाइल का सुखोई लड़ाकू विमान से सफलतापूर्वक परीक्षण किया है. ट्वीट में लिखा गया कि "#IndianNavy और #ANC ने 27 अप्रैल को A&N द्वीप समूह में #BrahMos के #AntiShip वर्जन के जरिए से समुद्र में लक्ष्य को सफलतापूर्वक नष्ट करके #CombatReadiness का फिर से प्रदर्शन किया. अंडमान और निकोबार कमांड भारतीय सशस्त्र बलों की एकमात्र त्रि-सेवा कमांड है.
इससे पहले भारतीय वायु सेना (IAF) ने 19 अप्रैल को पूर्वी समुद्र तट पर एक सुखोई फाइटर जेट से ब्रह्मोस मिसाइल का भी सफलतापूर्वक परीक्षण किया था. जिसपर भारतीय वायु सेना की ओर से कहा गया था कि ‘‘आज पूर्वी समुद्री तट पर वायु सेना ने सुखोई 30 एमकेआई विमान से ब्रह्मोस मिसाइल का परीक्षण किया. मिसाइल ने लक्ष्य के तहत भारतीय नौसेना के सेवामुक्त हो चुके जहाज पर सीधा प्रहार किया. भारतीय नौसेना के साथ निकट समन्वय में यह परीक्षण हुआ.''
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दरअसल सरकार ने 2016 में ब्रह्मोस के हवा से मार करने में सक्षम संस्करण को 40 से अधिक सुखोई लड़ाकू विमानों में जोड़ने का निर्णय किया था. इस परियोजना की कल्पना समुद्र या जमीन पर किसी भी लक्ष्य पर बड़े ‘स्टैंड-ऑफ रेंज' से हमला करने की भारतीय वायुसेना की क्षमता को बढ़ाने के लिए की गई थी.
भारतीय नौसेना ने पांच मार्च को हिंद महासागर में एक स्टील्थ विध्वंसक पोत से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के उन्नत संस्करण का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था. मिसाइल का परीक्षण स्टील्थ विध्वंसक आईएनएस चेन्नई से किया गया था.
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