महाराष्ट्र में 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में बुधवार को एक सेवानिवृत्त सैन्यकर्मी अपने बयान से मुकरने वाला अभियोजन पक्ष का 20वां गवाह बन गया. गवाह, जिसने सेना में ‘नाइक' का पद संभाला था, ने 2009 में महाराष्ट्र आतंकवाद विरोधी दस्ते (ATS) को नासिक के पास देवलाली में एक ‘‘शिविर'' (कथित रूप से कुछ आरोपियों द्वारा आयोजित) के बारे में एक बयान दिया था.
उन्होंने दो आरोपियों लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित और सुधाकर चतुर्वेदी को शिविर में भाग लेते देखा था. उन्होंने उस समय मामले की जांच कर रही एटीएस को यह जानकारी दी थी. बाद में जांच को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने अपने हाथ में ले लिया था.
बुधवार को एनआईए की विशेष अदालत के न्यायाधीश पीआर सित्रे के समक्ष अपने बयान के दौरान, गवाह पुरोहित को पहचानने में विफल रहा, जो मौजूद था. उन्होंने एटीएस को कोई बयान देने से भी इनकार किया.
गौरतलब है कि 29 सितंबर, 2008 को मुंबई से लगभग 200 किलोमीटर दूर उत्तरी महाराष्ट्र के मालेगांव में एक मस्जिद के पास एक मोटरसाइकिल में बंधे एक विस्फोटक उपकरण में विस्फोट होने से छह लोगों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक लोग घायल हो गए थे.
भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर मामले में मुख्य आरोपी हैं. इस मामले में अब तक 245 गवाहों से पूछताछ हो चुकी है, जिनमें से 20 अब तक मुकर चुके हैं. मामले के अन्य आरोपी मेजर (सेवानिवृत्त) रमेश उपाध्याय, अजय रहीरकर, सुधाकर द्विवेदी और समीर कुलकर्णी हैं. सभी आरोपी जमानत पर बाहर हैं.