शिवसेना (Shiv Sena) में एक बार फिर बगावत की अटकलें लगाई जा रही हैं. अबकी बार शिवसेना सांसदों को लेकर ऐसी अटकलें लग रही हैं. आज महाराष्ट्र (Maharashtra) के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) दिल्ली के लिए रवाना हुए हैं. खबर है कि कल वो शिवसेना के 12 सांसदों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) से मिल सकते हैं. एकनाथ शिंदे ने आज शिवसेना के 18 सांसदों में से 12 के साथ ऑनलाइन मीटिंग की है. एकनाथ शिंदे के इस कदम को देखते हुए अंदाजा लगाया जा रहा है कि शिंदे उद्धव ठाकरे को एक और झटका दे सकते हैं.
सूत्रों के हवाले से खबर है एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना की नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी घोषित की गई है. खास बात है कि उद्धव ठाकरे को शिवसेना पक्ष प्रमुख पद को बरकरार रखा गया है. लेकिन एकनाथ शिंदे को पार्टी का प्रमुख नियुक्त किया गया है वहीं उदय सामंत, गुलाबराव पाटिल, आढलराव पाटिल, विजय नहाटा और यशवंत जाधव को उपनेता नियुक्ति किया गया है. शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि शिंदे गुट पार्टी में एक गुट हो सकता है, लेकिन वह पार्टी नहीं है. ऐसे में वह पार्टी से जुड़े बड़े फैसले नहीं कर सकता.
शिवसेना ने शिंदे सरकार पर साधा निशाना
शिंदे के 12 शिवसेना सांसदों से मीटिंग करने का बाद संजय राउत ने सोमवार को महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे-देवेंद्र फडणवीस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बिना मंत्रिमंडल के ‘संवैधानिक दुविधा' की स्थिति में होने के बावजूद सरकार मनमाने फैसले ले रही है. शिंदे ने मुख्यमंत्री के रूप में 30 जून को शपथ ली थी और उनके साथ देवेंद्र फडणवीस ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, लेकिन उसके बाद से मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं किया गया है. हालांकि, नई सरकार ने आरे में मेट्रो रेल कारशेड, औरंगाबाद और उस्मानाबाद शहरों और प्रस्तावित नवी मुंबई हवाई अड्डे के नाम बदलने संबंधी फैसले लेने शुरू कर दिये हैं.
संजय राउत ने जोर देते हुए कहा है कि शिंदे-फडणवीस सरकार अवैध है, क्योंकि बागी विधायकों को अयोग्य करार दिये जाने की याचिका उच्चतम न्यायालय में लंबित है. ठाकरे गुट ने इस महीने की शुरुआत में राज्यपाल से भी कहा था कि किसी मंत्री को शपथ नहीं दिलाई जाए, क्योंकि शीर्ष अदालत ने अयोग्य करार देने की याचिका पर अभी तक फैसला नहीं लिया है.
शिवसेना ने सोमवार को अपने मुखपत्र ‘सामना' में छपे एक संपादकीय में शिंदे और फडणवीस की तुलना फिल्म ‘एक दूजे के लिए' के प्रमुख पात्रों ‘वासु और सपना' से करते हुए कहा कि दो सदस्यीय सरकार ‘असामान्य प्रयोग' और ‘राजनीतिक परिवार नियोजन' है.
संपादकीय में लिखा है, ‘‘लेकिन उच्चतम न्यायालय के जबरन नसबंदी कराये जाने से उन्हें इस हालात का सामना करना पड़ा है. ''कमल हासन और रति अग्निहोत्री अभिनीत 1981 की फिल्म ‘एक दूजे के लिए' में उनके किरदार वासु और सपना एक दूसरे से बेहद प्यार करते थे, लेकिन उनकी कहानी का दुखद अंत हुआ. शिवसेना ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र में पिछले 15 दिन से अधिक समय से एक मुख्यमंत्री और एक उप मुख्यमंत्री हैं, लेकिन इसे सरकार नहीं कहा जा सकता.''
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