"मैं भागते-भागते गिरी, मेरी भाभी मेरे बच्चों को बचाकर ले गई..." : मणिपुर से एक और गैंगरेप पीड़िता की ख़ौफ़नाक दास्तान

मणिपुर के चुराचांदपुर जिले की एक 37 वर्षीय विवाहित महिला ने आरोप लगाया कि उसे पुरुषों के एक समूह ने तब पकड़ लिया - जब वह अपने दो बेटों, भतीजी और भाभी के साथ अपने जलते हुए घर से भाग रही थी और उसके साथ गैंगरेप किया गया.

विज्ञापन
Read Time: 23 mins
प्रतीकात्मक तस्वीर

मई की शुरुआत में मणिपुर में जातीय झड़पों के दौरान यौन उत्पीड़न का एक और भयानक मामला सामने आया है, एक राहत शिविर में रह रही पीड़िता ने पुलिस में मामला दर्ज कराया है. मणिपुर में अधिक से अधिक महिलाएं पुलिस के पास आ रही हैं और अपने साथ हुए चौंकाने वाले कष्टों और बर्बरता के बारे में बता रही हैं. क्योंकि अधिकारी अब उन्हें बोलने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं. 

ताजा मामले में, मणिपुर के चुराचांदपुर जिले की एक 37 वर्षीय विवाहित महिला ने आरोप लगाया कि उसे पुरुषों के एक समूह ने पकड़ लिया. जब वह अपने दो बेटों, भतीजी और भाभी के साथ अपने जलते हुए घर से भाग रही थी - और 3 मई को उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया, जिस दिन घाटी में बहुसंख्यक मैतेई लोगों की अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी में शामिल करने की मांग के मुद्दे पर पहाड़ी-बहुल कुकियों की रैली के बाद जिले में हिंसा भड़क उठी थी.

महिला ने कहा, "मैंने अपनी और अपने परिवार की इज्जत बचाने और सामाजिक बहिष्कार से बचने के लिए घटना का खुलासा नहीं किया. इस शिकायत को दर्ज करने में देरी सामाजिक कलंक के कारण हुई... मैं यहां तक कि खुद को खत्म करना चाहती थी." उनका बयान बुधवार को बिष्णुपुर पुलिस स्टेशन में दर्ज 'जीरो एफआईआर' के साथ संलग्न है. वह अब विस्थापित लोगों के लिए एक राहत शिविर में रह रही है. भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376डी, 354, 120बी और 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है.

प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) के अनुसार, 3 मई को शाम 6.30 बजे, बदमाशों ने महिला और उसके पड़ोसियों के घरों को जलाना शुरू कर दिया, जिसके बाद वह, उसके दो बेटे, भतीजी और भाभी जितनी तेजी से भाग सकते थे, वो मिलकर भागे. जिसमें बताया गया, "मैंने अपनी भतीजी को अपनी पीठ पर बिठाया और अपने दोनों बेटों को भी पकड़ लिया और अपनी भाभी के साथ घटनास्थल से भागने लगी. वह भी अपनी पीठ पर एक बच्चे को लेकर मेरे आगे दौड़ रही थी, तभी मैं लड़खड़ा गई और गिर गई महिला ने 'जीरो एफआईआर' में कहा, ''मैं सड़क पर थी और उठने में असमर्थ थी... मेरी भाभी मेरी ओर दौड़ती हुई आई और मेरी पीठ से मेरी भतीजी को उठाया और मेरे जोर देने पर दोनों बेटों के साथ भाग गई'' ' 

महिला ने एफआईआर में कहा,"आखिरकार जब मैं उठने में कामयाब हुई, तो कुछ पांच-छह... बदमाशों ने मुझे पकड़ लिया... उन्होंने गाली देना और मारपीट करना शुरू कर दिया. मेरे प्रतिरोध के बावजूद, मुझे जबरदस्ती नीचे गिरा दिया गया. इसके बाद, पुरुषों ने यौन उत्पीड़न करना शुरू कर दिया मुझे...'' 'जीरो एफआईआर' किसी भी पुलिस स्टेशन में दर्ज की जा सकती है, जरूरी नहीं कि उस पुलिस स्टेशन में जिसके अधिकार क्षेत्र में अपराध हुआ हो. जिस पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है, उसे एफआईआर को सही क्षेत्राधिकार में भेजना होगा, जो फिर इसकी जांच करेगा.

महिला ने कहा कि उसकी तबीयत पूरी तरह से खराब हो गई और उसने आत्महत्या कर लेने के बारे में भी सोचा. उसने कहा कि वह राज्य की राजधानी इंफाल में क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान संस्थान गई थी, लेकिन बिना डॉक्टर को दिखाए लौट आई क्योंकि वह खुद कुछ 'बता' भी नहीं पा रही थी. इसके बाद, उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य संबंधी परेशानी बढ़ने पर वह मंगलवार को इंफाल के जेएनआईएमएस अस्पताल गईं. वहां डॉक्टरों ने उसका इलाज किया और परामर्श दिया, जिससे उसे मामले की रिपोर्ट करने की ताकत मिली.

Advertisement

महिला ने कहा, "...मुझे उस आघात और पीड़ा का एहसास होने लगा है जिससे मैं बिना किसी गलती के मेरे खिलाफ किए गए जघन्य अपराधों के कारण गुजरी हूं... मेरे साथ दुर्व्यवहार, यौन और शारीरिक उत्पीड़न करने वाले दोषियों के गिरोह को पर्याप्त सजा दी जानी चाहिए." पिछले महीने, मणिपुर में पुरुषों के एक समूह द्वारा दो महिलाओं को सड़क पर नग्न घुमाने का एक भयानक वीडियो सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से साझा किया गया था, जिसकी बड़े पैमाने पर निंदा की गई और कार्रवाई की मांग की गई. वीडियो में दिख रहे आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है.

मणिपुर पुलिस ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 3 मई से 30 जुलाई तक लगभग तीन महीने की अवधि के बीच 6,500 से अधिक पुलिस मामले दर्ज किए गए हैं. सुप्रीम कोर्ट में पेश एक पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस मामलों का सबसे बड़ा हिस्सा "आगजनी, लूटपाट और घरेलू संपत्ति को नष्ट करना" श्रेणी के तहत दर्ज किया गया है, जिसकी एक कॉपी एनडीटीवी ने देखी है.

Advertisement

एक ही मामले में कई शून्य एफआईआर से बढ़ाए गए हजारों में ये मामले आगजनी (4,454), लूटपाट (4,148), घरेलू संपत्ति का विनाश (4,694), और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान (584) हैं. यह डेटा मणिपुर में बड़े पैमाने पर संपत्ति के विनाश के बारे में बता रहा है.

ये भी पढ़ें : केंद्र के बिल में मुख्य न्यायाधीश चुनाव अधिकारियों की चयन प्रक्रिया से बाहर

ये भी पढ़ें : आप जनता को सपने दिखाते हैं, हम सपने साकार करते हैं : अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान निर्मला सीतारमण

Advertisement
Featured Video Of The Day
Trump Putin Meet | US Russia | Ukraine | Delhi Rains | Kishtwar Cloudburst | IMD Alert | Rainfall
Topics mentioned in this article