- NIA ने दिल्ली के लाल किले के पास हुए कार बम धमाके के मामले में आरोपी यासिर अहमद डार को गिरफ्तार किया.
- यासिर जम्मू-कश्मीर के शोपियां का निवासी है और उस पर आतंकवाद विरोधी कानूनों के तहत मामला दर्ज किया गया है.
- जांच में पता चला है कि यासिर ने आत्मघाती हमले में शामिल होने की शपथ ली थी और मुख्य आरोपी उमर से संपर्क में था.
Delhi Red Fort Blast: दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले के पास 10 नवंबर को हुए कार बम धमाके की जांच में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को एक और अहम सफलता मिली है. एजेंसी ने इस केस में शामिल एक और आरोपी यासिर अहमद डार को गिरफ्तार कर लिया है. यासिर जम्मू-कश्मीर के शोपियां, श्रीनगर का रहने वाला है और उसे NIA ने दिल्ली से पकड़ा. इस गिरफ्तारी के बाद इस मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपियों की संख्या बढ़कर 9 हो गई है.
आत्मघाती हमले में शामिल होने की खाई थी कसम
NIA की जांच में सामने आया है कि यासिर इस पूरे आतंकी षड्यंत्र में सक्रिय रूप से शामिल था. एजेंसी के अनुसार, उसने न सिर्फ इस प्लान का हिस्सा बनने की शपथ ली थी, बल्कि उसने आत्मघाती यानी ‘सेल्फ-सैक्रिफ़िशियल' ऑपरेशन में शामिल होने की कसमें भी खाई थीं.
मुख्य आरोपी उमर सहित अन्य आरोपियों से हो रही थी बातचीत
जांच में यह भी स्पष्ट हुआ है कि यासिर की लगातार बातचीत इस केस के अन्य आरोपियों से होती रहती थी. इनमें धमाके को अंजाम देने वाला मुख्य आरोपी उमर-उन-नबी भी शामिल था, जिसकी मौत उसी विस्फोट में हो गई थी. इसके अलावा यासिर का संपर्क एक अन्य आरोपी, मुफ़्ती इरफ़ान, से भी लगातार बना हुआ था.
कई डिजिटल डिवाइस व अन्य सामग्रियां एनआईए ने की सीज
NIA इस पूरे मॉड्यूल का पर्दाफाश करने के लिए केंद्र और राज्यों की अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर तेजी से कार्रवाई कर रही है. इसी महीने NIA ने जम्मू-कश्मीर और उत्तर प्रदेश में कई जगहों पर छापेमारी की थी, जहां से कई डिजिटल डिवाइस, दस्तावेज और अन्य आपत्तिजनक सामग्री कब्जे में ली गई.
डिजिटल क्लू के आधार पर यासिर तक पहुंची NIA
इन डिजिटल क्लूज़ के आधार पर जांच आगे बढ़ने लगी और यासिर तक पहुंच बन सकी. इससे पहले एजेंसी ने फरीदाबाद स्थित अल-फला यूनिवर्सिटी परिसर में भी सर्च ऑपरेशन चलाया था. वहां से इस केस के मुख्य आरोपियों डॉ. मुज़म्मिल शकील गनी और डॉ. शाहीन सईद से जुड़े ठिकानों पर तलाशी लेकर अहम सबूत जब्त किए गए थे.
10 नवंबर को हुए धमाके में गई थी 11 लोगों की जान
10 नवंबर 2025 को हुए इस दर्दनाक धमाके में 11 लोगों की मौत हुई थी, जबकि कई लोग घायल हो गए थे. राजधानी के इतने संवेदनशील क्षेत्र में हुए इस हमले ने सुरक्षा एजेंसियों को चौकन्ना कर दिया था. तभी से NIA इस विस्फोट के पीछे की पूरी साज़िश को समझने और उसे एक-एक कड़ी जोड़कर उजागर करने में लग गई है.
एजेंसी का कहना है कि यह कार्रवाई तब तक जारी रहेगी जब तक इस नेटवर्क के हर सदस्य को गिरफ्तार नहीं कर लिया जाता और टेरर मॉड्यूल को पूरी तरह ध्वस्त नहीं किया जाता.
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