- अनिरुद्धाचार्य महाराज ने SC के CJI गवई की मंदिर मूर्ति पर टिप्पणी को न्यायालय के कर्तव्य से हटकर बताया
- उन्होंने कहा कि जज को न्याय करना चाहिए, भगवान पर सब जिम्मेदारी डालकर कुर्सी पर बैठना उचित नहीं है
- चीफ जस्टिस गवई ने खजुराहो के जवारी मंदिर की मूर्ति पर याचिका खारिज करते हुए भगवान से प्रार्थना करने को कहा था
अनिरुद्धाचार्य महाराज ने खजुराहो के एक मंदिर की मूर्ति पर सु्प्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बीआर गवई की टिप्पणी पर बयान दिया है. अनिरुद्धाचार्य ने अपनी कथा के दौरान कहा कि एक जज ने कहा कि हम क्यों निर्णय दें. उन्होंने कहा कि जब सब काम भगवान ही कर लेंगे तो आप क्यों कुर्सी पर हो. आपको इसलिए जज बनाया गया है कि आप न्याय करो. गौरतलब है कि खजुराहो स्मारक समूह के तहत आने वाले जवारी मंदिर में भगवान विष्णु की 7 फीट ऊंची सिर कटी प्रतिमा की स्थापना वाली याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया था. इसी दौरान चीफ जस्टिस गवई ने टिप्पणी की थी कि जाइए और भगवान से ही कुछ करने को कहिए. हालांकि, चीफ जस्टिस ने बाद में कहा था कि वह सभी धर्मों का सम्मान करते हैं.
अब अनिरुद्धाचार्य ने दिया बयान
अनिरुद्धाचार्य ने अपने कथा के दौरान कहा कि भगवान चाहें तो सब कर सकते हैं. वो हिरणकश्यप की छाती फाड़ सकते हैं और रावण को भी मार सकते हैं. उन्होंने कहा कि भगवान को लग रहा है आपको जज बनाया गया है तो आप न्याय करो. अनिरुद्धाचार्य ने कहा कि जब तुम न्याय नहीं कर सकते हो तो क्यों इस कुर्सी पर बैठे हो. उन्होंने कहा कि जज भी सनातन के विपरित ही बात कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि क्या कोईजज मुसलमान के खिलाफ ये बोल सकता है? इतना बड़ा जज ऐसी बातें कह रहे हैं.
हिंदू सब सह लेता है
उन्होंने कहा कि हिंदू अपने भगवान पर कुछ भी सह लेते हैं इसलिए मंदिर तोड़ दिए गए. बस इतनी सी बात है कि मूर्ति तोड़ी गई. मुगलों ने तोड़ी. तो खंडित मूर्ति स्थापित कर दो इतनी सी बात थी. खजुराहो के पास की घटना है ये. सनातन के पक्ष में न तो कोई कानून रहा है न कोई व्यक्ति रहा. सनातन के पक्ष में केवल भगवान रहे.
चीफ जस्टिस ने क्या कहा था?
चीफ जस्टिस बी आर गवई ने टिप्पणी की थी कि आप कहते हैं भगवान विष्णु के भक्त हैं तो प्रार्थना करिए. पीठ ने कहा था कि यह मामला कोर्ट का नहीं है बल्कि एएसआई के अधीन आता है. इसी दौरान चीफ जस्टिस ने याचिकाकर्ता से कहा था कि जाइए और भगवान से ही कुछ करने को कहिए.