पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने क्षेत्रीय दिग्गज एमके स्टालिन और के चंद्रशेखर राव से संपर्क करने के बाद कांग्रेस को बड़ा झटका दिया. उन्होंने कहा कि किस भी क्षेत्रीय पार्टी के कांग्रेस के साथ अच्छे संबंध नहीं हैं और वह अपने रास्ते जा सकती है. रविवार को बंगाल की मुख्यमंत्री ने अपने तमिलनाडु और तेलंगाना समकक्षों को मैसेज भेजा और देश के संघीय ढांचे की "रक्षा" करने के लिए विपक्षी मुख्यमंत्रियों की एक बैठक पर चर्चा की. उन्होंने आज स्पष्ट कर दिया कि कांग्रेस को आमंत्रित नहीं किया गया है. ममता बनर्जी ने संवाददाताओं से कहा, "किसी भी क्षेत्रीय दल के कांग्रेस के साथ अच्छे संबंध नहीं हैं. कांग्रेस पार्टी अब से अपने रास्ते पर जाएगी, हम अपने रास्ते जाएंगे."
उन्होंने कहा कि उन्होंने कांग्रेस और वाम दलों को भाजपा के खिलाफ अन्य विपक्षी दलों के साथ आने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने नहीं सुनी. कांग्रेस और वामपंथी बंगाल में तृणमूल के कटु प्रतिद्वंद्वी हैं, जिसने राष्ट्रीय स्तर पर सहयोग करने के प्रयासों को बाधित किया है.
"राज्यपाल कर रहे सत्ता का दुरुपयोग": ममता बनर्जी और एमके स्टालिन की बैठक करने की तैयारी
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन और तेलंगाना के केसीआर को किए फोन कॉल का जिक्र करते हुए बनर्जी ने कहा: "देश की संघीय संरचना खतरे में है ... देश के संविधान को ध्वस्त किया जा रहा है. हम सभी को इसकी रक्षा के लिए एक साथ आने की जरूरत है."
उन्होंने कहा: "हम एक साथ संघीय ढांचे की रक्षा करने की कोशिश कर रहे हैं. सभी क्षेत्रीय दलों को एक समझ में आना चाहिए." कांग्रेस तमिलनाडु में स्टालिन की द्रमुक पार्टी की गठबंधन सहयोगी है.
गोवा में तृणमूल कांग्रेस का कांग्रेस के साथ गठबंधन का प्रस्ताव चूकने के बाद दोनों पार्टियों का एक दूसरे पर दोषारोपण करने से कांग्रेस और ममता बनर्जी के बीच मनमुटाव हो गए थे.
रविवार को राव ने कहा कि वह जल्द ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और ममता बनर्जी के साथ भाजपा के खिलाफ विभिन्न विपक्षी ताकतों को मजबूत करने के प्रयासों के मद्देनजर मुलाकात करेंगे.
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केसीआर ने कहा, "ममता बहन (ममता बनर्जी) ने मुझे फोन किया. हमने फोन पर चर्चा की. उन्होंने मुझे बंगाल में आमंत्रित किया या फिर वह हैदराबाद आ सकती हैं. उन्होंने कहा मुझे डोसा खिलाओ. मैंने कहा, आपका स्वागत है. वह कभी भी आ सकती हैं. हम चर्चा कर रहे हैं. देश भर में बहुत सारे राजनीतिक नेता हैं."
ममता बनर्जी ने स्टालिन से भी फोन पर बात की. इस कॉल के बाद स्टालिन ने ट्वीट किया, "प्रिय दीदी ममता बनर्जी ने मुझे फोन किया और गैर-बीजेपी शासित राज्यों के राज्यपालों द्वारा संवैधानिक अतिरेक और सत्ता के बेरहमी से दुरुपयोग पर अपनी चिंता और पीड़ा साझा की." उन्होंने कहा, "उन्होंने विपक्षी मुख्यमंत्रियों की बैठक का सुझाव दिया. मैंने उन्हें राज्य की स्वायत्तता बनाए रखने के लिए द्रमुक की प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया. विपक्षी मुख्यमंत्रियों का सम्मेलन जल्द ही दिल्ली से बाहर होगा."