आंध्र प्रदेश में रविवार रात हुई रेल दुर्घटना की प्रारंभिक जांच में रायगड़ा पैसेंजर ट्रेन के चालक और सहायक चालक को हादसे के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है, क्योंकि ये ट्रेन नियमों का उल्लंघन करते हुए दो खराब ‘ऑटो सिग्नल' को पार कर गई थी. दुर्घटना में चालक दल के दोनों सदस्यों की मौत हो गई.
सात विशेषज्ञों द्वारा हस्ताक्षरित प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्होंने दुर्घटना स्थल, उपलब्ध साक्ष्य, संबंधित अधिकारियों के बयान, ‘डेटा लॉगर' रिपोर्ट और ‘स्पीडोमीटर चार्ट' की सावधानीपूर्वक जांच की है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि रेलवे के नियम के मुताबिक, ट्रेन को खराब ऑटो सिग्नल पर दो मिनट के लिए रुकना चाहिए था और फिर 10 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ, जिसके कारण ये टक्कर हुई.
इसमें कहा गया है कि कंटकापल्ली-अलमांडा खंड के बीच दो खराब ‘ऑटो सिग्नल' थे, जहां टक्कर हुई. विशाखापत्तनम पलासा पैसेंजर ट्रेन दोनों सिग्नल पर रुकी और फिर 10 किलोमीटर प्रति घंटे की प्रतिबंधित गति से आगे बढ़ी.
प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, रायगड़ा पैसेंजर ट्रेन ने दोनों खराब सिग्नल पर इन मानदंडों का पालन नहीं किया और प्रतिबंधित गति के साथ चल रही पहली ट्रेन से टकरा गई.
आंध्र प्रदेश के विजयनगरम जिले के कंटकापल्ली में हावड़ा-चेन्नई लाइन पर 29 अक्टूबर को शाम 7 बजे रायगड़ा पैसेंजर ट्रेन ने विशाखापत्तनम पलासा ट्रेन को पीछे से टक्कर मार दी, जिसमें 14 लोगों की मौत हो गई और 50 से अधिक ट्रेन यात्री घायल हो गए.