- मोकामा में अनंत सिंह को उनके घर से पुलिस ने गिरफ्तार किया, जिसके बाद इलाके में तनाव और हलचल बढ़ गई.
- पटना प्रशासन ने मोकामा की घटना को गंभीरता से लेते हुए मॉडल आचार संहिता सख्ती से लागू करने का आश्वासन दिया.
- 30 तारीख को तातर गांव के पास प्रत्याशियों के काफिले में हुई झड़प में 75 वर्षीय दुलारचंद यादव की हत्या हुई थी.
पटना से मोकामा तक अचानक शनिवार रात हलचल बढ़ने लगी. पुलिस कई तरह की तैयारी में लगी थी. अंदाजा होने लगा था कि कुछ बड़ा होने वाला है, मगर किसी को पता नहीं था कि क्या होने जा रहा है. देर रात 1 बजे 150 से ज्यादा पुलिस वाले मोकामा में अनंत सिंह के बेड़ना गांव वाले घर पहुंचे. पुलिस को अंदर आराम से जाने दिया गया. किसी तरह टकराव की स्थिति नहीं बनी. अंदाजा लगाया जा सकता है कि अनंत सिंह को पहले से सूचना दे दी गई थी कि उनकी गिरफ्तारी होने जा रही है. थोड़ी देर बाद सफेद पैंट-शर्ट और काला चश्मा पहने अनंत सिंह पुलिस अधिकारियों के साथ घर से बाहर निकलते हैं. उनके साथ कुछ और लोग नजर आते हैं. फिर उन्हें पुलिस अपनी गाड़ी में बैठाती है और लेकर चली जाती है. खबर मोकामा, बाढ़ से लेकर पटना तक आग की तरह फैल जाती है. अनंत सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है.
गिरफ्तारी का वीडियो
पटना डीएम-एसएसपी ने देर रात की प्रेस कांफ्रेंस
फिर देर रात पटना के डीएम डॉ. थियागराजन एसएम ने प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि मोकामा की घटना को जिला प्रशासन ने "बहुत गंभीरता से" लिया है. इस घटना की पूरी छानबीन पुलिस कर रही है. उन्होंने कहा कि मॉडल आचार संहिता को सख्ती से लागू किया जाएगा, और सभी लाइसेंसधारी हथियारों को चुनाव के दौरान जमा करना अनिवार्य होगा ताकि शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित किए जा सके. उनके साथ बैठे पटना के SSP कार्तिकेय के शर्मा ने कहा कि 30 तारीख को जो घटना हुई, वो नहीं होनी चाहिए थी. तातर गांव के समीप में दो प्रत्याशियों का काफिला आ रहा था. दोनों पक्षों में झड़प हुई, पथराव हुआ, लोग घायल हुए और उसके बाद एक शव बरामद हुआ. शव की पहचान 75 वर्ष के दुलारचंद यादव के रूप में हुई. उनका पूर्व में भी आपराधिक इतिहास रहा है. फिर दोनों पक्षों की तरफ से केस दर्ज कराया गया.
पटना एसएसपी ने खोले राज
कार्तिकेय के शर्मा ने कहा कि पुलिस को मौके से सीसीटीवी फुटेज भी बरामद हुए हैं. गवाह भी सामने आए हैं. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से भी अहम सुराग मिले हैं. अभी तक की जांच से प्रतीत हुआ कि इस घटना में चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन भी हुआ है. जांच में पता चला कि घटना के समय प्रत्याशी भी मौजूद थे. उनके सामने ही घटना हुई है और इस कांड के मुख्य अभियुक्त भी हैं. अनंत सिंह की गिरफ्तारी आज बेड़ना गांव से की गई है. इनके साथ दो सहयोगी भी साथ में थे, जो घटना स्थल पर भी थे. उनकी भी गिरफ्तारी की गई है. इनके नाम नदवां गांव के रहने वाले मणिकांत ठाकुर और दूसरे लदमा गांव के रहने वाले रंजित राम हैं. प्रशासन और पुलिस पूरी जांच कर रही है. प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में 50 से अधिक CAPF-मानव पॉइंट्स स्थापित किए गए हैं, ताकि कानून तोड़ने वालों के खिलाफ कड़ी निगरानी और कार्रवाई की जा सके. मामले में अभी छापेमारी जारी है. एक CID टीम जांच कर रही है.
तीन किरदार और तीनों दागी
दुलारचंद यादव की हत्या के बाद से उनका परिवार अनंत सिंह की गिरफ्तारी की मांग कर रहा था. इलाके में तो तनाव था ही पूरा विपक्ष भी इसे मुद्दा बना रहा था. विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव भी उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे. इस मामले में चुनाव आयोग ने भी बिहार DGP से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. चुनाव आयोग ने शनिवार को मोकामा में दुलारचंद यादव हत्या मामले में पटना ग्रामीण एसपी विक्रम सिहाग सहित चार अधिकारियों के तबादले और एक अधिकारी के खिलाफ निलंबन की कार्यवाही का निर्देश दिया. हालांकि, इस कहानी में एक तीसरा किरदार भी है. उनका नाम सूरजभान सिंह है. सूरजभान सिंह, अनंत सिंह और दुलारचंद यादव की कहानी लगभग एक सी है. बाहुबली, डॉन, नेता और जनता का अपार समर्थन. इन्हीं चार चीजों के कारण ये वर्षों से मोकामा और आसपास के इलाके में राज करते रहे. मगर तीनों की अदावत भी बहुत पुरानी है.
कब से थी तीनों की दुश्मनी
ये साल था 2000. दोनों के बीच तनाव का कारण 2000 के विधानसभा चुनाव में शुरू हुआ था. दुलारचंद यादव ने तब अनंत सिंह के भाई दिलीप सिंह के खिलाफ सूरजभान सिंह का साथ दिया था. इस चुनाव में दिलीप सिंह को हराने में दुलारचंद यादव का महत्वपूर्ण योगदान था. इसके बाद से अनंत सिंह के साथ उनकी दुश्मनी हो गई. हालांकि, 2000 विधानसभा चुनाव के बाद अनंत सिंह ने लगातार सूरजभान सिंह को मोकामा सीट पर हराया है. इस बार सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी मोकामा से अनंत सिंह के खिलाफ चुनाव मैदान में हैं. हालांकि, दुलारचंद यादव इस बार सूरजभान सिंह के साथ न होकर जन सुराज के प्रत्याशी पीयूष प्रियदर्शी का साथ दे रहे थे. दुलारचंद की हत्या के बाद पीयूष प्रियदर्शी ने अनंत सिंह पर हत्या का आरोप लगाया. वहीं अनंत सिंह ने सूरजभान सिंह पर हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया.
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