नगालैंड पर संसद में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा- गलत पहचान की वजह से हुई फायरिंग

नगालैंड में फायरिंग की घटना को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज लोकसभा में बयान दिया. उन्‍होंने फायरिंग पर अफसोस जताते हुए कहा कि गलत पहचान की वजह से यह घटना हुई.

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नगालैंड की फायरिंग की घटना पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में बयान दिया

नई दिल्‍ली:

नगालैंड में फायरिंग की घटना को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज लोकसभा में बयान दिया. उन्‍होंने फायरिंग पर अफसोस जताते हुए कहा कि गलत पहचान की वजह से यह घटना हुई. उन्‍होंने कहा कि मामले में उच्‍चस्‍तरीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं और राज्‍य में शांति व्‍यवस्‍था को बरकरार रखने के लिए पूरे प्रयास किए जा रहे हैं.उन्‍होंने कहा कि नगालैंड की घटना की विस्तृत जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया है जिसे एक महीने के अंदर जांच पूरी करने को कहा गया है.

इससे पहले, संसद में विपक्ष ने इस मामले को उठाते हुए जांच और मारे गए लोगों के परिजनों के लिए मुआवजे की मांग की. पीएम नरेंद्र मोदी ने वरिष्‍ठ मंत्रियों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की. गृह मंत्री ने लोकसभा में कहा कि 14 नागरिकों की मौत पर केंद्र सरकार को अफसोस है. बयान में गृह मंत्री शाह ने केवल वीकेंड पर हुई घटनाओं का ही जिक्र किया. इसके विरोध में विपक्षी सांसद (तृणमूल कांग्रेस को छोड़कर)सदन से वॉकआउट कर गए.  

लोकसभा में आज, कांग्रेस के मनीष तिवारी ने घटना को लेकर नाराजगी जताई और हाईकोर्ट के मौजूदा जज की निगरानी में जांच कराए जाने की मांग की. तिवारी की ही पार्टी के सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि उन आखिरकार किस तरह निहत्‍थे लोगों को सशस्‍त्र विद्रोही समझ लिया गया. गौरतलब है कि  शनिवार शाम MON जिले में नागरिकों पर गोलीबारी के सिलसिले में नगालैंड पुलिस (Nagaland Police) ने भारतीय सेना (Indian Army) के 21 पैरा विशेष बल की टुकड़ी के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए FIR दर्ज की है, जिसमें अब तक कुल 14 ग्रामीणों की मौत हो चुकी है.

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इस घटना के बाद ग्रामीणों के साथ झड़प में सेना के एक जवान की भी मौत हुई है.FIR में नगालैंड पुलिस ने स्पष्ट रूप से कहा है कि पैरा स्पेशल बलों ने स्थानीय पुलिस को सूचित नहीं किया था, न ही कोई पुलिस गाइड लिया था, इसलिए सेना का कहना है कि यह 'गलत पहचान' थी. प्राथमिकी में पुलिस ने 'सुरक्षा बलों की मंशा नागरिकों की हत्या और घायल करना' बताया है.

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म्यांमार की सीमा से सटे नगालैंड का MON जिला AFSPA ACT के तहत है, इसलिए जब तक केंद्र सरकार अनुमति नहीं देती, तब तक सेना पर मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है किन यह एक दुर्लभ मामला है, जिसमें पुलिस ने नागरिकों पर गोलीबारी के आरोप में सेना के  विशेष बलों के खिलाफ स्वत: हत्या के आरोप दायर किए हैं.

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