2047 तक भारतीय भाषाओं में संचालित होंगे सरकारी काम, राजभाषा समिति का अध्यक्ष चुने जाने पर अमित शाह

अमित शाह ने संसदीय राजभाषा समिति के सभी सदस्यों का आभार जताते हुए कहा, "2047 तक देश की सभी सरकारी प्रणालियां भारतीय भाषाओं में संचालित होंगी. हम इसी लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहे हैं."

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नई दिल्ली:

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) एक बार फिर से संसदीय राजभाषा समिति ( Parliamentary Committee on Official Language) के निर्विरोध चेयरमैन चुने गए हैं.  नई सरकार के गठन के बाद संसदीय राजभाषा समिति के पुनर्गठन के लिए सोमवार को नई दिल्ली में समिति की बैठक हुई थी. इस बैठक में अमित शाह को सर्वसम्मति से समिति का अध्यक्ष चुना गया. वह 2019 से 2024 के दौरान भी इस समिति के अध्यक्ष थे. 

अमित शाह ने संसदीय राजभाषा समिति के सभी सदस्यों का आभार जताया है. शाह ने कहा, "हमें हिंदी को सभी क्षेत्रीय भाषाओं का मित्र बनाने का लक्ष्य हासिल करने के लिए आगे बढ़ना चाहिए. किसी भी भारतीय भाषा से प्रतिस्पर्धा किये बिना हमें हिंदी की स्वीकार्यता बढ़ानी होगी. मोदी सरकार ने हिंदी को समृद्ध और लचीला बनाते हुए इसमें विभिन्न भाषाओं के शब्दों को शामिल किया है."

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, "2047 तक देश की सभी सरकारी प्रणालियां भारतीय भाषाओं में संचालित होंगी. हम इसी लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहे हैं."

उन्होंने कहा, "जब बच्चों की प्राथमिक शिक्षा उनकी मातृभाषा में होती है, तो वे अन्य भारतीय भाषाएं भी आसानी से सीख सकते हैं."

अमित शाह ने कहा, "हजारों वर्षों पुरानी एक भाषा को नया जीवन देकर और उसकी स्वीकार्यता बढ़ाकर हमें स्वतंत्रता आंदोलनकारियों का सपना पूरा करना ही होगा."

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