कश्मीर घाटी से एक और बड़ी खुशखबरी, हुर्रियत से जुड़े दो और समूहों ने अलगाववाद त्यागा : अमित शाह

कश्मीर घाटी से एक और बड़ी खुशखबरी है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने घोषणा की है कि हुर्रियत से जुड़े दो और समूहों ने अलगाववाद का रास्ता छोड़ दिया है.

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कश्मीर घाटी से एक और बड़ी खुशखबरी है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने घोषणा की है कि हुर्रियत से जुड़े दो और समूहों ने अलगाववाद का रास्ता छोड़ दिया है. बता दें कि यह कश्मीर में शांति और एकता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. अमित शाह ने यह भी कहा कि अनुच्छेद 370 के हटने के बाद कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं में 70% की कमी आई है. यह एक सकारात्मक विकास है और उम्मीद है कि कश्मीर में शांति और विकास की दिशा में यह एक नए युग की शुरुआत करेगा.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक्स पर लिखा, 'कश्मीर घाटी से एक और बड़ी खुशखबरी. हुर्रियत से जुड़े दो और समूहों, जेएंडके तहरीक-ए-इस्तिकलाल और जेएंडके तहरीक-ए-इस्तिकामत ने अलगाववाद को त्याग दिया है और प्रधानमंत्री @narendramodi द्वारा निर्मित नए भारत में अपना विश्वास जताया है. मोदी सरकार के तहत अलगाववाद अपनी अंतिम सांस ले रहा है और पूरे कश्मीर में एकता की जीत की गूंज सुनाई दे रही है.'

इससे पहले अमित शाह ने कहा था कि 10 साल पहले जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों का महिमामंडन होता था, जनाजों का जुलूस निकाला जाता था. हमारे समय में भी आतंकवादी मारे गए, ज्यादा मारे गए, लेकिन किसी के जनाने का जुलूस नहीं निकाला गया. जो आतंकवादी जहां मारा जाता है, वहीं दफना दिया जाता है.

अमित शाह ने कहा कि ये तीन नासूर थे- जम्मू कश्मीर में आतंकवाद, वामपंथी उग्रवाद और उत्तर पूर्व का उग्रवाद. इन समस्याओं के कारण चार दशक में देश के करीब 92 हजार नागरिक मारे गए. इसके बावजूद इन समस्याओं के संपूर्ण उन्मूलन के लिए एक सुनियोजित प्रयास कभी नहीं हुआ था, जो नरेंद्र मोदी की सरकार आने के बाद हुआ.

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