केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह शनिवार को छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में आयोजित बस्तर दशहरा महोत्सव में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने नक्सलियों से किसी भी तरह बातचीत की संभावना से इनकार करते हुए कहा कि वे सरेंडर करें और बस्तर के विकास में सहभागी बनें. उन्होंने एक बार फिर 31 मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद के खात्मे का संकल्प दोहराया और कहा कि हथियारों के दम पर बस्तर की शांति भंग करने वालों को सुरक्षा बल मुंहतोड़ जवाब देंगे.
गृह मंत्री अमित शाह ने बस्तर में दंतेश्वरी देवी की पूजा की.
जगदलपुर के लालबाग परेड मैदान में आयोजित बस्तर दशहरा लोकोत्सव-2025 और स्वदेशी मेला कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गृह मंत्री शाह ने कहा कि 75 दिनों तक चलने वाला विश्व का सबसे बड़ा और अनूठा बस्तर दशहरा मेला न केवल आदिवासी समाज, बस्तर, छत्तीसगढ़ या भारत बल्कि पूरे विश्व में सबसे बाद सांस्कृतिक महोत्सव है.
शाह ने कहा कि दिल्ली में कुछ लोग वर्षों तक यह भ्रम फैलाते रहे कि नक्सलवाद का जन्म विकास की लड़ाई है, जबकि सच यह है कि बस्तर के विकास से वंचित रहने का मूल कारण नक्सलवाद ही है. आज देश के हर गांव में बिजली, पेयजल, सड़क, हर घर में शौचालय, पांच लाख तक का स्वास्थ्य बीमा, पांच किलो मुफ्त अनाज जैसी सुविधाएं पहुंच चुकी है, लेकिन बस्तर प्रगति की इस दौड़ में पीछे रह गया है.
गृह मंत्री ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरफ से आश्वासन देना चाहते हैं कि 31 मार्च 2026 के बाद नक्सलवादी न तो बस्तर के विकास और न ही बस्तर के लोगों के अधिकारों को रोक पाएंगे. बस्तर क्षेत्र के जो बच्चे भटककर नक्सलवाद से जुड़ गए हैं, वे हथियार छोड़कर मुख्यधारा में शामिल हों. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने देश की सबसे बेहतर सरेंडर नीति बनाई है. पिछले एक महीने में 500 से अधिक लोग सरेंडर कर चुके हैं. उन्होंने नक्सलियों से सरेंडर करने की अपील की और कहा कि जिस गांव में नक्सलवाद पूरी तरह खत्म हो जाएगा, वहां छत्तीसगढ़ सरकार विकास के लिए एक करोड़ रुपए देगी.
केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने स्वदेशी जागरण मंच द्वारा आयोजित स्वदेशी मेला का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने लंबे समय से स्वदेशी पर जोर दिया है. अब प्रत्येक घर को यह संकल्प लेना है कि हम केवल अपने देश में बनी वस्तुओं का उपयोग करेंगे. प्रत्येक व्यापारी को यह संकल्प लेना है कि उनकी दुकान या शॉपिंग मॉल में विदेशी वस्तुएं उपलब्ध नहीं होंगी. यदि 140 करोड़ की आबादी स्वदेशी के इस संकल्प को आत्मसात कर ले तो भारत को विश्व की सर्वोच्च आर्थिक शक्ति बनने से कोई नहीं रोक सकता.