सेना में बहाली के लिए केंद्र सरकार द्वारा लाई गई अग्निपथ योजना के खिलाफ देशभर में जारी प्रदर्शन के बीच कई केंद्रीय मंत्री युवाओं के ये विश्वास दिलाने में जुट गए हैं कि नई योजना उनके लिए लाभकारी है और भविष्य में उनको इसका फायदा जरूर मिलेगा. हालांकि, अग्निपथ योजना के तहत चार साल के लिए सेना में बहाली के प्लान से युवा नाराज हैं. नाराज युवा खासकर बिहार और यूपी में बीते तीन दिनों से जमकर प्रदर्शन कर रहे हैं. कई जगहों से तोड़फोड़, आगजनी, पत्थरबाजी की खबर सामने आई है. कई जगह प्रदर्शकारियों ने ट्रेनों में तोड़फोड़ करने के साथ-साथ आग लगाई है. इसके अलावा रेलवे की संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया गया है.
अमित शाह ने कही ये बात
ऐसे में हंगामा बढ़ता देख केंद्रीय मंत्रियों ने युवाओं को समझाने का प्रयास किया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा, " पिछले दो साल कोरोना महामारी के कारण सेना में भर्ती प्रक्रिया प्रभावित हुई थी, इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘अग्निपथ योजना' में उन युवाओं की चिंता करते हुए पहले वर्ष उम्र सीमा में दो वर्ष की रियायत देकर उसे 21 साल से 23 साल करने का संवेदनशील निर्णय लिया है. इस निर्णय से बड़ी संख्या में युवा लाभान्वित होंगे और अग्निपथ योजना के माध्यम से देशसेवा व अपने उज्ज्वल भविष्य की दिशा में आगे बढ़ेंगे. इसके लिए पीएम मोदी का आभार व्यक्त करता हूं."
वहीं, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर कहा, " केंद्र सरकार द्वारा घोषित की गई ‘अग्निपथ योजना' भारत के युवाओं को देश की रक्षा व्यवस्था से जुड़ने और देश सेवा करने का सुनहरा अवसर है. इसलिए युवाओं के भविष्य को ध्यान में रखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर सरकार ने अग्निवीरों को भर्ती की आयु सीमा को इस बार 21 वर्ष से बढ़ा कर 23 वर्ष कर दी है. यह one time relaxation दिया गया है. इससे बहुत सारे युवाओं को अग्निवीर बनने की पात्रता प्राप्त हो जाएगी. मैं प्रधानमंत्री को युवाओं के भविष्य की चिंता करने और उनके प्रति संवेदनशीलता के लिए हृदय से धन्यवाद करता हूं. मैं युवाओं से अपील करता हूं कि सेना में भर्ती की प्रक्रिया कुछ ही दिनों में प्रारम्भ होने जा रही है. वे इसके लिए अपनी तैयारी शुरू करें."
निर्मला सीतारमण ने कही ये बात
इधर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्वीट कर कहा, " अग्निपथ योजना में चार साल की अवधि के लिए राष्ट्र की सेवा के बाबत 21 साल की आयु तक के युवाओं को मौका देने की परिकल्पना की गई है. वहीं, इस अवधि के बाद योग्यता के आधार पर उनके स्वैच्छिक प्रतिधारण का प्रावधान भी किया गया है. कोरोना के कारण सशस्त्र बलों में भर्ती प्रभावित हुई थी. इसलिए, पीएम मोदी ने पहले वर्ष के लिए, अग्निपथ योजना के लिए ऊपरी आयु सीमा को 23 वर्ष तक बढ़ाने का निर्णय लिया है. पीएम ने हमारे युवाओं की आकांक्षाओं के प्रति संवेदनशील होकर यह कदम उठाया है. इस निर्णय से हमारे युवाओं को मदद मिलेगी जो महामारी के कारण राष्ट्र की सेवा करने के अवसरों से चूक गए थे. इस सामयिक और संवेदनशील निर्णय के लिए प्रधानमंत्री की आभारी हूं."
केंद्र ने बदलाव करने की घोषणा की
गौरतलब है कि केंद्र ने देशव्यापी विरोध के बीच गुरुवार को 'अग्निपथ' सैन्य भर्ती योजना के लिए आयु सीमा 21 से बढ़ाकर 23 कर दी है. सरकार ने एक विज्ञप्ति में कहा कि यह निर्णय इसलिए लिया गया है क्योंकि पिछले दो वर्षों में कोई भर्ती नहीं हुई है. बता दें कि सेना में भर्ती के लिए केंद्र सरकार 'अग्निपथ' योजना लेकर आई है, जिसको लेकर यूपी-बिहार समेत देश के कई राज्यों में हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं.
सरकार ने गुरुवार रात इसमें पहला बदलाव करने की घोषणा की. पहले यह प्रावधान किया गया था कि 21 साल की उम्र तक के युवा इसमें हिस्सा ले सकते हैं, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 23 साल कर दिया गया है. हालांकि, यह आयुसीमा केवल एक बार के लिए ही बढ़ाई गई है. इसके बाद आयुसीमा 21 साल की ही रहेगी.
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