धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल को लेकर जारी विवाद के बीच, मुंबई पुलिस ने ध्वनि प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट निर्देशों के अनुसार वाहन निर्माताओं से वाहनों के हॉर्न की ध्वनि सीमा कम करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में वाहनों के हॉर्न की आवाज 92 से 112 डेसिबल के बीच है, जो कोर्ट के दिशानिर्देशों का उल्लंघन है.
अधिकारी ने कहा, "हमने हाल ही में अलग-अलग ऑटोमोबाइल निर्माताओं के साथ एक बैठक की और ध्वनि प्रदूषण के स्तर में कमी लाने के लिए उन्हें वाहनों के हॉर्न की आवाज कम करने को कहा." उन्होंने कहा कि शहर की पुलिस वाहन चालकों द्वारा जोर से हॉर्न बजाने के खिलाफ भी कार्रवाई कर रही है. विशेषकर रात में हॉर्न बजाने की भी जांच की जाएगी.
उन्होंने कहा कि महानगर को ध्वनि प्रदूषण से मुक्त बनाने के उद्देश्य से पुलिस वाहन डीलरों के साथ भी बैठक करेगी. मुंबई पुलिस ने हाल ही में विभिन्न बिल्डरों और डेवलपर्स से भी मुलाकात की थी और उनसे निर्माण कार्य से उत्पन्न होने वाले ध्वनि प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए कहा था,ताकि लोगों को रविवार शांति से बिताने का मौका मिल सके.
गौरतलब है कि महाराष्ट्र सहित देश भर में लाउडस्पीकर बजाने को लेकर विवाद जारी है. सुप्रीम कोर्ट की ओर से हाल ही में जारी किए गए दिशानिर्देश के बाद बयानों का एक दौर निकल पड़ा है. मुख्य मुद्दे से भटक कर विभिन्न पार्टियों के नेता इसे अलग-अलग रंग देकर बयानबाजी कर रहे हैं.
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