"मुझे हंसी आ रही थी": बागी NCP नेता प्रफुल्ल पटेल ने विपक्षी एकता की मीटिंग पर कसे तंज

एनसीपी में बगावत करने वाले सांसद प्रफुल्ल पटेल ने महाराष्ट्र सरकार को समर्थन देने के सवाल पर कहा कि जब हम शिवसेना (Shiv Sena) की विचारधारा को स्वीकार कर सकते हैं, तो फिर बीजेपी (BJP) के साथ जाने में क्या आपत्ति है?

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शरद पवार ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे को पार्टी से निकाल दिया है.

नई दिल्ली:

महाराष्ट्र में सियासी ड्रामे के बीच एनसीपी के बागी नेता प्रफुल्ल पटेल (Praful Patel) ने पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और बीजेपी के खिलाफ विपक्षी एकता पर तंज कसा है. प्रफुल्ल पटेल ने मुंबई के MET सेंटर में अजित पवार (Ajit Pawar) की बैठक को संबोधित करते हुए विपक्षी एकता पर तंज कसे. उन्होंने कहा, "मैं शरद पवार के साथ पटना में संयुक्त विपक्ष की बैठक में गया था. वहां का नजारा देखकर मुझे हंसने का मन हुआ. बैठक में 17 विपक्षी दल थे, उनमें से सात के पास लोकसभा में केवल एक सांसद हैं. एक और पार्टी थी, जिसके कोई सांसद ही नहीं है. ये पार्टियां दावा करती हैं कि वे देश में बदलाव लाएंगी.'' 

NDTV के साथ इंटरव्यू में प्रफुल्ल पटेल ने विपक्षी एकता पर सवाल भी खड़े किए. उन्होंने कहा, "उनके पास 150 सीटें हासिल करने में सक्षम केंद्रीय पार्टी का अभाव है. पटेल ने कहा, "विपक्षी एकता की मीटिंग में मुझे समझ आया कि ये पार्टियों भविष्य में ठीक से साथ काम नहीं कर पाएंगी. 20 आंकड़े वाली पार्टियां मिल के सरकार बनाएंगी, तो कभी संभव नहीं होगा. कांग्रेस का नेतृत्व आज भी कई लोगों को स्वीकार नहीं है. नेतृत्व की बात होगी, तो इसमें भी आपत्ति होगी. लोगों को कैसे आप विश्वास दिलाएंगे की स्थिर सरकार दंगे."

मोदी जी देंगे स्थाई सरकार
उन्होंने आगे कहा, "दूसरी ओर मोदी जी की सरकार है. वो देश को एक अच्छी सरकार दे पाएंगे. विदेश की चुनौतियां हैं. बहुत बातों को लेकर स्थाई सरकार बनेगी. इन बातों को देखते हुए विपक्षी एकता देश के लोगों को स्वीकार नहीं होगी."

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शिवसेना के साथ जा सकते हैं, तो बीजेपी के साथ क्यों नहीं?
एनसीपी में बगावत करने वाले सांसद प्रफुल्ल पटेल ने महाराष्ट्र सरकार को समर्थन देने के सवाल पर कहा कि जब हम शिवसेना (Shiv Sena) की विचारधारा को स्वीकार कर सकते हैं, तो फिर बीजेपी (BJP) के साथ जाने में क्या आपत्ति है? हम एक स्वतंत्र इकाई के रूप में इस गठबंधन में शामिल हुए हैं. प्रफुल्ल पटेल ने जम्मू-कश्मीर का उदाहरण देते हुए कहा कि महबूबा मुफ्ती और फारूक अब्दुल्ला बीजेपी के साथ चले गए थे और अब वे संयुक्त विपक्ष का हिस्सा हैं.

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अजित का फैसला व्यक्तिगत लाभ के लिए नहीं
प्रफुल्ल ने कहा कि अजित पवार ने एनडीए में शामिल होने का निर्णय देश और हमारी पार्टी के लिए लिया है, न कि व्यक्तिगत लाभ के लिए.

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रविवार को अजित पवार ने की थी बगावत
रविवार को अजित पवार के पाला बदलने और एकनाथ शिंदे-बीजेपी सरकार में उपमुख्यमंत्री के रूप में शामिल होने से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में संकट पैदा हो गया है. अजित पवार के अलावा, छगन भुजबल, दिलीप पाटिल, हसन मुश्रीफ, धनंजय मुंडो, धर्मरावबाबा अत्राम, अदिति तटकरे, संजय बंसोडे और अनिल पाटिल रविवार को एकनाथ शिंदे-देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र सरकार में मंत्री के रूप में शामिल हुए हैं.

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शरद पवार गुट की मीटिंग में पहुंचे 13 विधायक, 4 सांसद
बुधवार को शरद पवार गुट और अजित पवार गुट की बैठक हुई. एनसीपी के 53 में कम से कम 28 विधायक अजित पवार के साथ मंच पर दिखे. करीब 17 विधायक शरद पवार की बैठक में शामिल हुए. प्रफुल्ल पटेल का जाना शरद पवार के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है. 

9 विधायकों की अयोग्यता के लिए याचिका दायर
इस बीच शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने अजित पवार समेत 9 विधायकों के खिलाफ महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के पास अयोग्यता याचिका दायर की है. शरद पवार ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे को पार्टी से निकाल दिया है. 

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