Jammu-Kashmir: नागरिकों पर हमलों के बीच राजौरी और पुंछ में तैनात होगी CRPF की अतिरिक्त कंपनियां

राजौरी हमले के बाद अल्पसंख्यक समुदाय के लोग सीमावर्ती जिलों में अपने क्षेत्रों की सुरक्षा को लेकर काफी चिंतित हैं. अधिकारियों ने बताया कि डांगरी गांव में एक के घर के पास सोमवार को एक आईईडी विस्फोट में दो बच्चों की मौत हो गई थी और छह अन्य घायल हो गए थे.

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
सीआरपीएफ की आठ कंपनियां जल्द ही जम्मू-कश्मीर में तैनाती के नजदीकी स्थानों से तैनात की जाएंगी.
श्रीनगर:

जम्मू में सीमावर्ती जिलों राजौरी और पुंछ में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने के लिए अधिकारी बुधवार को क्षेत्र में अल्पसंख्यक क्षेत्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के वास्ते केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) कंपनियों को बड़ी संख्या में तैनात कर रहे हैं. जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में दो आतंकवादी हमलों में दो बच्चों सहित अल्पसंख्यक समुदाय के 6 लोग मारे गए थे और 11 अन्य घायल हो गए थे. इन हमलों के मद्देनजर यह घटनाक्रम सामने आया है.

एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘राजौरी और पुंछ जिलों में सुरक्षा मजबूत करने के लिए बड़ी संख्या में सीआरपीएफ कंपनियों को तैनात किया जा रहा है.'' उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों की तैनाती जारी है. उन्होंने कहा कि ऐसा राजौरी और पुंछ में अल्पसंख्यक क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए किया जा रहा है.

राजौरी हमले के बाद अल्पसंख्यक समुदाय के लोग सीमावर्ती जिलों में अपने क्षेत्रों की सुरक्षा को लेकर काफी चिंतित हैं. अधिकारियों ने बताया कि डांगरी गांव में एक के घर के पास सोमवार को एक आईईडी विस्फोट में दो बच्चों की मौत हो गई थी और छह अन्य घायल हो गए थे.

राजौरी जिले के एक इलाके में अल्पसंख्यक समुदाय के तीन घरों पर आतंकवादियों ने रविवार की शाम गोलीबारी की थी जिसमें चार नागरिकों की मौत हो गई थी और छह लोग घायल हो गए थे.

सीआरपीएफ की आठ कंपनियां जल्द ही जम्मू-कश्मीर में तैनाती के नजदीकी स्थानों से तैनात की जाएंगी, जबकि सीआरपीएफ की 10 कंपनियां दिल्ली से भेजी जा रही हैं.

ये भी पढ़ें:-

पुलवामा में CRPF जवान से युवक ने छीनी AK 47, उसका परिवार उसे पकड़कर थाने ले आया

छत्तीसगढ़ : CRPF ने कुंदर, सुकमा में बनाया ‘फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस', नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई को मिलेगी मजबूती

Featured Video Of The Day
UP News: बेहतरीन English Speaking Skills पर फिर भी कोई Job नहीं, Homeless की तरह रहने पर मजबूर का दर्द
Topics mentioned in this article