अमेरिकी डेलिगेशन अब आएगा भारत... ट्रेड डील जानें क्या है नया अपडेट

डील न होने पर अमेरिका भारत से आयात होने वाले स्टील, ऑटो पार्ट्स और एल्यूमीनियम पर भारी टैरिफ लगा सकता है. हालांकि सूत्रों का कहना है कि अगर मिनी डील न भी हो और ट्रंप टैरिफ भी लगाएं तो भी भारत को अधिक नुकसान नहीं होगा.

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भारत अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने पर काम कर रहा है. सितंबर अक्टूबर तक दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौता होने की संभावना है. भारतीय वार्ताकार अमेरिका से वापस आ चुके हैं और अब संभावना है कि अगस्त के दूसरे सप्ताह में अमेरिकी वार्ताकारों का दल भारत आएंगे. हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने मिनी डील को लेकर एक अगस्त तक की डेडलाइन दी है. सूत्रों के अनुसार पूर्ण समझौता होने में अभी समय लग सकता है.

डील न होने पर अमेरिका भारत से आयात होने वाले स्टील, ऑटो पार्ट्स और एल्यूमीनियम पर भारी टैरिफ लगा सकता है. हालांकि सूत्रों का कहना है कि अगर मिनी डील न भी हो और ट्रंप टैरिफ भी लगाएं तो भी भारत को अधिक नुकसान नहीं होगा. जहां तक सेंटीमेंट पर असर पड़ने की बात है, भारतीय शेयर बाजार पहले ही इस बात को फैक्टर इन कर चुका है.

भारत किसी दबाव में नहीं आएगा
सूत्रों के अनुसार व्यापार समझौते और अमेरिकी शर्तों के बारे में मीडिया में लग रही अटकलों में दम नहीं है. बीटीए Bilateral Trade Agreement (BTA) भारत के हितों की पूरी तरह रक्षा की जाएगी और भारत किसी दबाव में नहीं आएगा. सूत्रों ने यह भी कहा कि पी्एम मोदी की इस सप्ताह होने वाली यूके यात्रा में Free Trade Agreement (FTA) को मंजूरी दी जाएगी. इस मौके पर वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद रहेंगे.

पीएम मोदी की 23-24 जुलाई को होने वाली ब्रिटेन की यात्रा में इस पर दस्तखत होंगे. सूत्रों ने दावा किया है कि यूके के साथ हुआ मुक्त व्यापार समझौता भारत के हित में है और इससे दोनों देशों के आपसी संबंध और मजबूत होंगे. समझौते में 90–99% उत्पादों पर शुल्क में कटौती शामिल है — 99% भारतीय निर्यात को यूके में शुल्‍क मुक्त किया गया. वहीं 90% यूके उत्पादों को भारत में शुल्क छूट दी गई. हालांकि, इसे अमल में लाने में कई महीने लगेंगे, क्योंकि इसे ब्रिटेन की संसद की मंजूरी की आवश्यकता होगी.

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