- अमेरिका ने भारत की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो को साइबर अपराध सिंडिकेट खत्म करने में साझेदारी के लिए धन्यवाद दिया.
- सीबीआई ने अमेरिकी एफबीआई के समन्वय से एक अंतरराष्ट्रीय साइबर गिरोह को ध्वस्त कर दिया.
- साइबर अपराध गिरोह ने तकनीकी सहायता के नाम पर 2023 से अमेरिकी नागरिकों से 350 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की.
अमेरिका ने बुधवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को एक साइबर अपराध सिंडिकेट को खत्म करने में “साझेदारी और समर्थन” के लिए धन्यवाद दिया, जिसने 2023 से उसके नागरिकों से 350 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की थी. एक सोशल मीडिया पोर्टल पर पोस्ट किए गए संदेश में यहां अमेरिकी दूतावास ने कहा, “अमेरिका-भारत कानून प्रवर्तन सहयोग के लिए यह एक बड़ा सप्ताह है.”
चार करोड़ अमेरिकी डॉलर की धोखाधड़ी
इसमें कहा गया, “भारत की सीबीआई ने अमेरिकी एफबीआई के साथ घनिष्ठ समन्वय में, एक अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराध गिरोह को ध्वस्त कर दिया, जिसने तकनीकी सहायता घोटालों के माध्यम से अमेरिकी नागरिकों से लगभग चार करोड़ अमेरिकी डॉलर की धोखाधड़ी की थी, और साइबर धोखाधड़ी नेटवर्क के पीछे प्रमुख व्यक्तियों को गिरफ्तार किया.”
इसमें आगे कहा गया, “साझा खुफिया जानकारी और समन्वित कार्रवाई के माध्यम से, हमारी दोनों एजेंसियां अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क को ध्वस्त करने, भविष्य में होने वाले घोटालों को रोकने और हमारे नागरिकों को सुरक्षित रखने के लिए मिलकर काम कर रही हैं. आपकी साझेदारी और समर्थन के लिए धन्यवाद, सीबीआई.”
साइबर अपराध गिरोह का भंडाफोड़
सीबीआई ने एक अत्याधुनिक साइबर अपराध गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जिसने पिछले दो वर्षों में अमेरिकी नागरिकों से 350 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की है. सीबीआई ने तीन कथित धोखेबाजों को गिरफ्तार किया है, जो तकनीकी सहायता के नाम पर लोगों को ठगते थे.
जांच एजेंसी ने अमृतसर के खालसा महिला कॉलेज के सामने ग्लोबल टावर में ‘डिजिकैप्स द फ्यूचर ऑफ डिजिटल' नामक कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया था.