संयम और तनाव कम करने की पहल... ऑपरेशन सिंदूर पर किस देश ने क्या कहा? थरूर बोले- क्या इस्लामाबाद सीखेगा?

भारत की इस कार्रवाई पर दुनिया भर के देशों ने अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दी है. ज्यादातर देशों ने भारत-पाकिस्तान से संयम बरतने और तनाव कम करने की अपील की है. 

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22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए घातक आतंकवादी हमले में 26 लोगों की हत्या की गई. इस घटना के बाद भारत ने पाकिस्तान पर आतंकियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा. लेकिन पाकिस्तान लगातार आतंकियों को बचाने में जुटा रहा. आतंकी पाकिस्तानी थे, इस बात को वो मानने से इनकार करता रहा. बीती रात भारतीय सुरक्षा बलों ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकियों के 9 ठिकाने तबाह कर दिए. ऑपरेशन सिंदूर के तहत हुई इस कार्रवाई में 70-100 आतंकियों के मारे जाने की खबर है. भारत की इस कार्रवाई पर दुनिया भर के देशों ने अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दी है. ज्यादातर देशों ने भारत-पाकिस्तान से संयम बरतने और तनाव कम करने की अपील की है. 

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने NDTV पर लिखे अपने ब्लॉग में इस बात की जानकारी दी कि ऑपरेशन सिंदूर पर दुनिया के किन देशों ने क्या कुछ कहा? अमेरिका, चीन, रूस, फ्रांस, इजरायल, गल्फ के देशों की प्रतिक्रियाएं बताते हुए शशि थरूर ने यह सवाल उठाया कि क्या इस्लामाबाद इन चीजों से कुछ सीखेगा. 

ऑपरेशन सिंदूर पर किस देश ने क्या कुछ कहा?

  • अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत-पाकिस्तान तनाव की स्थिति को "शर्मनाक" बताया और उम्मीद जताई कि यह "बहुत जल्दी" खत्म हो जाएगी. विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि वे स्थिति पर बारीकी से नज़र रख रहे हैं और शांतिपूर्ण समाधान के लिए भारतीय और पाकिस्तानी नेतृत्व दोनों के साथ बातचीत जारी रखेंगे. 
  • चीन ने भारत की सैन्य कार्रवाई पर "खेद" जताया और मौजूदा घटनाक्रम पर चिंता जताई. उसने भारत और पाकिस्तान दोनों से शांति और स्थिरता को प्राथमिकता देने, शांत रहने, संयम बरतने और ऐसी कार्रवाइयों से बचने का आह्वान किया, जो स्थिति को और जटिल बनाती हैं. 
  • रूस ने भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते सैन्य टकराव पर गहरी चिंता जताई. मॉस्को ने दोनों देशों से संयम बरतने का आह्वान किया और आतंकवाद के सभी रूपों की निंदा की. फ्रांस ने भारत और पाकिस्तान दोनों से तनाव को बढ़ने से रोकने और नागरिकों की सुरक्षा के लिए संयम बरतने का आह्वान किया, लेकिन साथ ही कहा कि वह “भारत की आतंकवाद से खुद को बचाने की इच्छा को समझता है”. 
  • अरब जगत में, मिस्र ने दोनों पक्षों से संयम बरतने का आग्रह किया, संकट को कम करने और आगे बढ़ने से बचने के लिए कूटनीतिक चैनलों के माध्यम से बातचीत करने के महत्व पर जोर दिया. यूएई ने भी भारत और पाकिस्तान दोनों से संयम बरतने और तनाव कम करने का आह्वान किया, सैन्य वृद्धि को रोकने और दक्षिण एशिया में स्थिरता को मजबूत करने के लिए कूटनीतिक संवाद और आपसी समझ के महत्व पर जोर दिया.
  • इजरायल ने भारत के समर्थन में मजबूती से बात की. भारत में इजरायल के राजदूत, रूवेन अजार ने एक्स पर सार्वजनिक रूप से लिखा, "इजरायल भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन करता है. आतंकवादियों को पता होना चाहिए कि निर्दोषों के खिलाफ उनके जघन्य अपराधों से छिपने के लिए कोई जगह नहीं है."
  • संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा के पार भारतीय सैन्य अभियानों के बारे में गहरी चिंता व्यक्त की. उनके प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा, "वह दोनों देशों से अधिकतम सैन्य संयम बरतने का आह्वान करते हैं. दुनिया भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य टकराव बर्दाश्त नहीं कर सकती."

ज्यादातर देशों ने संयम और तनाव कम करने का आह्वान है. शशि थरूर ने आगे लिखा कि यह भारत के लिए उपयुक्त है, क्योंकि ऑपरेशन सिंदूर को स्पष्ट रूप से एक लंबी लड़ाई में शुरुआती गोलाबारी के बजाय एक बार की जवाबी कार्रवाई के रूप में माना गया था. 

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लेकिन सवाल यह है कि क्या इस्लामाबाद दुनिया भर के देशों की चिंता और अपील से कुछ सीखेगा. क्योंकि पाकिस्तान भारत की कार्रवाई के बाद बौखलाया हुआ है. अब पाकिस्तान क्या कुछ करेगा, यह सब आने वाला वक्त बताएगा. लेकिन पूरी दुनिया का मानना है कि युद्ध किसी भी स्थिति में सही नहीं है. 

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